शोभना शर्मा। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को सख्त चेतावनी जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि वे आधिकारिक कार्यों में ChatGPT, DeepSeek और अन्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का उपयोग न करें। मंत्रालय के अनुसार, इन टूल्स का प्रयोग सरकारी डेटा और संवेदनशील दस्तावेजों की गोपनीयता को खतरे में डाल सकता है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि सरकारी कंप्यूटरों और डिवाइस पर AI-आधारित ऐप्स के उपयोग से संवेदनशील सूचनाओं के लीक होने की आशंका बढ़ जाती है। वित्त मंत्रालय ने यह कदम साइबर सुरक्षा और डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है, ताकि किसी भी तरह की अनधिकृत जानकारी सार्वजनिक न हो सके।
AI टूल्स पर क्यों है सरकार की चिंता?
AI तकनीक लगातार उन्नत हो रही है और इसकी मदद से सरकारी कार्यों को सुगम बनाया जा सकता है, लेकिन इसके साथ ही कई सुरक्षा जोखिम भी जुड़े हुए हैं। AI चैटबॉट्स जैसे ChatGPT और DeepSeek यूजर से इनपुट लेकर उत्तर तैयार करते हैं, लेकिन यह डेटा अक्सर क्लाउड पर स्टोर होता है, जिससे संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा बना रहता है। सरकार की चिंता का एक प्रमुख कारण यह भी है कि कई AI मॉडल विदेशी सर्वरों पर होस्ट किए जाते हैं, जिससे भारत का संवेदनशील डेटा अन्य देशों तक पहुंच सकता है। खासकर, DeepSeek को लेकर ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है, क्योंकि यह एक चीनी AI टूल है और इसकी गोपनीयता नीतियों को लेकर दुनिया भर में जांच हो रही है।
DeepSeek पर उठते सवाल
DeepSeek को लेकर कई देशों ने चिंता जताई है। यह एक ऐसा AI टूल है जो यूजर्स के इनपुट के आधार पर उत्तर तैयार करता है, लेकिन इसमें डेटा सुरक्षा की गंभीर समस्याएं सामने आई हैं। डच अधिकारियों ने हाल ही में इसकी गोपनीयता नीतियों की जांच शुरू की, जिसमें यह सवाल उठाया गया कि DeepSeek यूजर्स के व्यक्तिगत डेटा को किस प्रकार संभालता है। अन्य कई देशों ने भी इस चीनी AI टूल की जांच शुरू कर दी है। IT मंत्रालय ने पहले कहा था कि यदि DeepSeek जैसे AI टूल्स को भारतीय सर्वरों पर होस्ट किया जाए तो इनसे जुड़े गोपनीयता संबंधी चिंताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हालांकि, अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है, इसलिए DeepSeek जैसे टूल्स का सरकारी कामों में इस्तेमाल करना बेहद जोखिमभरा हो सकता है।
सरकारी डेटा की सुरक्षा के लिए कड़े कदम
भारत सरकार पिछले कुछ समय से डिजिटल सुरक्षा और डेटा गोपनीयता को लेकर सतर्क है। वित्त मंत्रालय की इस नई एडवाइजरी का उद्देश्य सरकारी दस्तावेजों और गोपनीय जानकारियों को सुरक्षित रखना है। सरकार ने पहले भी अपने अधिकारियों को साइबर सुरक्षा नियमों का पालन करने और अनधिकृत ऐप्स से बचने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार पहले ही कई चीनी ऐप्स को प्रतिबंधित कर चुकी है, क्योंकि इनसे डेटा सुरक्षा को खतरा था। DeepSeek पर भी सरकार की पैनी नजर है, क्योंकि यह विदेशी सर्वर पर होस्ट होता है और इसका उपयोग सरकारी कार्यालयों में डेटा लीक का कारण बन सकता है।
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कार्यालयों में AI टूल्स जैसे ChatGPT और DeepSeek का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। मंत्रालय के अनुसार, ये टूल्स सरकारी डेटा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं, खासकर तब जब वे विदेशी सर्वरों पर होस्ट किए जाते हैं। DeepSeek को लेकर पहले से ही कई देशों ने जांच शुरू कर दी है, जिससे इसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर संदेह खड़े हो गए हैं।