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संसद भवन हाथापाई मामले में राहुल गांधी पर एफआईआर

संसद भवन हाथापाई मामले में राहुल गांधी पर एफआईआर

शोभना शर्मा।  गुरुवार को संसद भवन में हुई हाथापाई के मामले में दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इस घटना ने भारतीय राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राहुल गांधी और उनके समर्थकों पर शारीरिक हमला और उकसावे का गंभीर आरोप लगाया है।

बीजेपी की शिकायत पर दर्ज हुई एफआईआर

दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन धाराओं में धारा 117 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 131 (आपराधिक बल का प्रयोग), 351 (आपराधिक धमकी), और बीएनएस की धारा 3(5) (सामान्य इरादा) शामिल हैं।

इस एफआईआर की मुख्य वजह गुरुवार को संसद भवन परिसर में हुई झड़प बताई जा रही है, जिसमें बीजेपी के दो सांसद घायल हुए थे। बीजेपी ने राहुल गांधी पर जानबूझकर विवाद भड़काने और सांसदों को उकसाने का आरोप लगाया है।

बीजेपी सांसदों की शिकायत

बीजेपी सांसद हेमंग जोशी, अनुराग ठाकुर, और बांसुरी स्वराज ने संसद मार्ग थाने में जाकर राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस नेता ने न केवल बीजेपी सांसदों पर शारीरिक हमला किया, बल्कि उन्हें उकसाने और झगड़ा भड़काने का भी प्रयास किया।

शिकायत के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “एनडीए के सांसद शांतिपूर्ण तरीके से कांग्रेस के झूठ को उजागर करने और उनसे माफी की मांग कर रहे थे। लेकिन राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के सांसदों के साथ तय रास्ते से न जाकर एनडीए के सांसदों के बीच प्रवेश किया और जानबूझकर उन्हें उकसाया।”

कांग्रेस का जवाब

इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि बीजेपी साजिश के तहत राहुल गांधी की छवि को खराब करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इसे “लोकतंत्र के खिलाफ एक सोची-समझी चाल” करार दिया। जयराम रमेश ने कहा, “राहुल गांधी हमेशा शांतिपूर्ण संवाद और सच्चाई के समर्थक रहे हैं। यह घटना बीजेपी की राजनीतिक हताशा को दर्शाती है।”

घटना का विवरण

गुरुवार को संसद भवन परिसर में उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब एनडीए सांसद “कांग्रेस के झूठ” का विरोध कर रहे थे। इसी दौरान राहुल गांधी अपने पार्टी सहयोगियों के साथ वहां पहुंचे। बीजेपी का दावा है कि राहुल गांधी ने तय रास्ते से न जाकर एनडीए सांसदों के बीच प्रवेश किया और जानबूझकर उन्हें उकसाने का प्रयास किया। घटना के बाद दो बीजेपी सांसदों को हल्की चोटें आईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहीं, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी सांसदों ने पहले उनके नेताओं पर भद्दी टिप्पणियां कीं, जिसके चलते माहौल बिगड़ा।

बीजेपी का आरोप: कांग्रेस का ‘इंडी गठबंधन’ जिम्मेदार

अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, “कांग्रेस का ‘इंडी गठबंधन’ केवल उकसावे और विवाद फैलाने का काम करता है। राहुल गांधी ने अपने सहयोगियों को भी उकसाया और दुर्भावनापूर्ण रवैये के साथ आगे बढ़े।” बीजेपी ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने जानबूझकर संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया है।

कानूनी पहलू और संभावित कार्रवाई

एफआईआर दर्ज होने के बाद अब यह मामला कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ेगा। दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही दोनों पक्षों से पूछताछ की जाएगी। अगर राहुल गांधी दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वे इस मामले में अपने नेता के साथ खड़े हैं और इसे न्यायिक प्रक्रिया में चुनौती देंगे।

घटना के राजनीतिक प्रभाव

यह घटना संसद सत्र के दौरान हुई, जब देश के विभिन्न मुद्दों पर बहस चल रही थी। यह विवाद अब बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक प्रमुख राजनीतिक टकराव का विषय बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।

राहुल गांधी की छवि पर असर

इस घटना से राहुल गांधी की राजनीतिक छवि पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना बाकी है। बीजेपी इसे उनकी “आक्रामक और गैर-जिम्मेदार” छवि के तौर पर पेश कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे “सच्चाई के लिए लड़ने वाले नेता” के रूप में प्रचारित कर रही है।

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