शोभना शर्मा । जयपुर के गांधी नगर इलाके में धर्म परिवर्तन का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक दंपती पर आरोप है कि उन्होंने जबरन एक परिवार को ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डाला। यह घटना 13 सितंबर की है, जब झालाना डूंगरी निवासी सुमित्रा देवी ने इस संबंध में FIR दर्ज करवाई। सुमित्रा देवी (39) के अनुसार, पिछले 2-3 महीनों से कुछ लोग उनके घर आ रहे थे और उनसे ईसा मसीह की प्रार्थना करने का आग्रह कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी प्रार्थना से सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा और उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो जाएगी।
धर्म परिवर्तन का प्रयास और दबाव
सुमित्रा देवी की शिकायत के अनुसार, आरोपी दंपती बार-बार उनके घर आकर उन्हें प्रार्थना करने और ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे थे। आरोप है कि उन्होंने यह आश्वासन दिया कि अगर सुमित्रा देवी और उनका परिवार ईसाई धर्म अपनाता है, तो उनकी सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी। दंपती ने यह भी कहा कि हिंदू धर्म सबसे भ्रष्ट धर्म है और इसके देवी-देवता किसी काम के नहीं हैं।
13 सितंबर को दोपहर करीब 2 बजे, आरोपी दंपती ने सुमित्रा देवी के घर आकर जबरन सभी हिंदू धार्मिक वस्तुएं और मूर्तियां हटवा दीं। इसके बाद उन्होंने सुमित्रा देवी और उनके परिवार को मानसिक और शारीरिक दबाव डालकर ईसाई धर्म की प्रार्थना करवाई। आरोप है कि उन्होंने जबरन सुमित्रा देवी के गले में ईसाई धर्म का लॉकेट पहनाया और कहा कि अब से वे हिंदू नहीं हैं, बल्कि ईसाई धर्म की कम्युनिटी का हिस्सा हैं।
कॉलोनीवासियों की मदद से आरोपी पकड़े गए
धर्म परिवर्तन का दबाव बनाए जाने के दौरान सुमित्रा देवी के बेटे आकाश ने कॉलोनीवासियों को सूचना दी। कॉलोनी के लोग मौके पर पहुंचने से पहले ही आरोपी दंपती सुमित्रा देवी के घर से निकल गए। हालांकि, कॉलोनीवासियों ने उनका पीछा किया और दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद लोगों ने आरोपी दंपती के खिलाफ हंगामा करना शुरू कर दिया, जिससे इलाके में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
पुलिस की कार्यवाही
सूचना मिलने पर गांधी नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। सुमित्रा देवी की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज की और मामले की जांच शुरू कर दी। शिकायत में बताया गया कि आरोपी दंपती ने पहले अपने नाम और पहचान छुपाई थी। जब उनसे सख्ती से पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे पहले से ही परिवार के संपर्क में थे और उन्हें ईसा मसीह की प्रार्थना करवाने आए थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, आरोपी दंपती की पहचान और उनके संपर्कों की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि धर्म परिवर्तन का यह प्रयास सुनियोजित था या नहीं।
धर्म परिवर्तन के प्रयास की गंभीरता
धर्म परिवर्तन के ऐसे मामले भारतीय समाज में गहरे प्रभाव डालते हैं। जबरन धर्म परिवर्तन कराने की घटनाएं समाज में धार्मिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचा सकती हैं। भारतीय कानूनों के अनुसार, किसी व्यक्ति को जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने की अनुमति नहीं है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या समाज में धर्म के नाम पर दबाव डालकर लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना सही है। पीड़ित परिवार ने अपनी धार्मिक आस्थाओं के प्रति सम्मान और अपनी पहचान को बनाए रखने के लिए FIR दर्ज करवाई है, जो उनके हक के लिए एक साहसिक कदम है।
जयपुर में धर्म परिवर्तन का यह मामला एक गंभीर मुद्दा है, जिसमें आरोपी दंपती पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। गांधी नगर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है। यह घटना समाज में धर्म के प्रति सहिष्णुता और सम्मान बनाए रखने की जरूरत को भी उजागर करती है। धर्म परिवर्तन के इस तरह के मामलों में समाज और कानून को सख्ती से कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि धार्मिक स्वतंत्रता और सौहार्द्र को कायम रखा जा सके।