मनीषा शर्मा। इस साल राजस्थान में मानसून ने दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बाड़मेर और जैसलमेर जैसे रेगिस्तानी जिलों में सामान्य से अत्यधिक वर्षा हुई है, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। प्रदेश के 28 जिलों में सामान्य से कहीं अधिक बारिश दर्ज की गई है, और कई बांध जो वर्षों से खाली थे, अब पूरी तरह भर चुके हैं।
बाड़मेर और जैसलमेर में अत्यधिक वर्षा
राजस्थान के रेगिस्तानी जिले बाड़मेर और जैसलमेर में सामान्य से कहीं अधिक वर्षा हुई है। बाड़मेर में सामान्य वर्षा का स्तर 260.32 मिमी है, जबकि इस साल अब तक 423.12 मिमी बारिश हो चुकी है। इसी तरह, जैसलमेर में सामान्य वर्षा का स्तर 168.10 मिमी है, लेकिन इस साल अब तक 402.84 मिमी बारिश दर्ज की गई है। बालोतरा में सामान्य वर्षा का स्तर 285.11 मिमी होता है, जबकि यहां अब तक 508.71 मिमी बारिश हो चुकी है।
अन्य जिलों में भी बारिश का असर
बाड़मेर और जैसलमेर के अलावा अजमेर, अलवर, बीकानेर, दौसा, जयपुर, नागौर, सवाई माधोपुर, टोंक और चूरू जैसे जिलों में भी सामान्य से अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई है। कई जिलों में बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है, वहीं नदियों और बांधों में पानी का स्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति बन गई है। राज्य में अब तक 376 बांध पूरी तरह से भर चुके हैं, जो एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो से तीन दिनों में मानसून की सक्रियता में कमी आने की संभावना है। गुरुवार को पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, उत्तर-पूर्वी मध्यप्रदेश के ऊपर बना लो प्रेशर एरिया अब डिप्रेशन में बदल गया है। अगले 24 घंटों में इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ने की संभावना है, जिससे उत्तर-पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है।
मानसून का रिकॉर्ड
2024 के मानसून ने राजस्थान में कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है, जो रेगिस्तानी इलाकों में अप्रत्याशित है। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में कृषि और जीवनयापन पर भी इसका सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है।
राजस्थान में इस साल की भारी बारिश ने दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बाड़मेर, जैसलमेर जैसे रेगिस्तानी इलाकों में भी सामान्य से अधिक वर्षा हो चुकी है। राज्य में बाढ़ जैसी स्थितियों से निपटने के लिए प्रशासन सतर्क है, और मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो सकती है।