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RCA में आरोप-प्रत्यारोप: खेल से ज्यादा विवाद पर ध्यान

RCA में आरोप-प्रत्यारोप: खेल से ज्यादा विवाद पर ध्यान

मनीषा शर्मा।  राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के आगामी चुनावों से पहले एडहॉक कमेटी में गहराते विवाद ने सुर्खियां बटोरी हैं। बीजेपी विधायक और एडहॉक कमेटी के कन्वीनर जयदीप बिहाणी और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर के बीच तीखी बयानबाजी ने RCA के आंतरिक मामलों को उजागर कर दिया है। धनंजय सिंह ने एडहॉक कमेटी पर खिलाड़ियों के चयन में गड़बड़ी और सदस्यों से चर्चा किए बिना निर्णय लेने का आरोप लगाया। दूसरी ओर, जयदीप बिहाणी ने धनंजय पर वीआईपी कल्चर और बेवजह विवाद खड़ा करने का आरोप लगाते हुए इन दावों को खारिज किया।

धनंजय सिंह के आरोप: “एडहॉक कमेटी कर रही है मनमानी”

धनंजय सिंह खींवसर ने RCA की एडहॉक कमेटी और कन्वीनर जयदीप बिहाणी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दो ईमेल भेजकर कहा कि:

  1. खिलाड़ियों का चयन: अंडर-23 टीम में हिमांशु पाटीदार, विनायक तिवारी, मोहम्मद गाजी और जयंत गैदर को टीम में शामिल किया गया। यह जानकारी उन्हें काफी देर से दी गई, जबकि मीडिया को पहले ही सूचना मिल गई थी।

  2. सदस्यों से चर्चा नहीं: उन्होंने आरोप लगाया कि एडहॉक कमेटी के फैसले बिना किसी सदस्य से चर्चा किए लिए जा रहे हैं।

  3. निरंकुशता: खींवसर ने कहा कि यह मनमानी RCA के क्रिकेट ढांचे के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।

धनंजय का बयान: “निरंकुश हो गई एडहॉक कमेटी”

अपने दूसरे ईमेल में धनंजय ने लिखा, “एडहॉक कमेटी के कन्वीनर बिना किसी परामर्श के निर्णय ले रहे हैं। इससे राजस्थान क्रिकेट की स्थिति और खराब हो रही है।” हालांकि, इस विवाद पर खींवसर से सीधा संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बताया गया कि उनसे बात करने के लिए पहले उनके पीए से समय लेना पड़ता है।

जयदीप बिहाणी का पलटवार: “VIP कल्चर से जुड़ा है विवाद”

धनंजय सिंह के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए जयदीप बिहाणी ने कहा,
“खिलाड़ियों का चयन एडहॉक कमेटी का मुख्य कार्य है। हर बार मीटिंग बुलाना संभव नहीं है। धनंजय सिंह खींवसर VIP कल्चर में जीते हैं, और उनसे बात करना बेहद मुश्किल है। पहले उनके पर्सनल असिस्टेंट से समय लेना पड़ता है।”

“कन्वीनर नहीं बनने का दर्द”

जयदीप बिहाणी ने आरोप लगाया कि धनंजय सिंह एडहॉक कमेटी के कन्वीनर बनने की इच्छा रखते थे। जब उन्हें यह पद नहीं दिया गया, तो उन्होंने बेवजह विवाद खड़ा करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, “अगर खिलाड़ियों के चयन को लेकर आपत्ति थी, तो धनंजय को खेल मंत्री से शिकायत करनी चाहिए थी। इसके बजाय उन्होंने ईमेल सार्वजनिक कर दिया, जो उनके इरादों को दर्शाता है।”

RCA में विवाद का असर: क्रिकेट के बजाय राजनीति पर ध्यान

RCA का यह विवाद क्रिकेट के विकास के बजाय राजनीति पर केंद्रित होता दिख रहा है। खिलाड़ियों के चयन से लेकर निर्णय लेने की प्रक्रिया पर उठाए गए सवालों ने RCA की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या है असल समस्या?

  1. पारदर्शिता की कमी: एडहॉक कमेटी के निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव नजर आता है।

  2. आंतरिक कलह: सदस्यों के बीच समन्वय की कमी RCA के कामकाज को बाधित कर रही है।

  3. राजनीतिक प्रभाव:

    RCA जैसे खेल संगठनों में राजनीतिक दखलअंदाजी खेल के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।

राजस्थान क्रिकेट पर पड़ने वाला प्रभाव

इस विवाद के चलते राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के कार्य और खिलाड़ियों के भविष्य पर असर पड़ने की संभावना है।

  • खिलाड़ियों के चयन में अनियमितता से युवा प्रतिभाओं को नुकसान होगा।

  • RCA की साख और प्रशासनिक क्षमता पर सवाल उठेंगे।

  • राज्य में क्रिकेट के विकास के प्रयास धीमे हो सकते हैं।

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