शोभना शर्मा, अजमेर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोविंदराम मेघवाल ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अजमेर दौरे के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने राज्य में कुशासन, अराजकता और सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हर मुद्दे पर विफल रही है और लोगों का विश्वास खो चुकी है।
मुख्यमंत्री और मंत्रियों को किनारे कर चीफ सेक्रेटरी के पास लगी लाइन
गोविंदराम मेघवाल ने कहा कि राजस्थान में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से अराजकता का माहौल है। लोग अपने मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री और मंत्रियों के पास कम जा रहे हैं। इसके विपरीत, चीफ सेक्रेटरी के कार्यालय के बाहर विधायकों की लाइनें लगी रहती हैं। उन्होंने इसे कुशासन का उदाहरण बताते हुए कहा कि राजस्थान के इतिहास में इस प्रकार की स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने छह से आठ महीने अशोक गहलोत की सरकार की योजनाओं को बंद करने में बर्बाद कर दिए। समीक्षा और नई योजनाओं की आड़ में केवल समय व्यर्थ किया गया, जिससे जनता को भारी निराशा हुई।
भाजपा पर महिलाओं की सुरक्षा में असफलता का आरोप
मेघवाल ने कहा कि भाजपा सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हो रही है, और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि हत्याओं और महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में राज्य सरकार का ढुलमुल रवैया जनता को निराश कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप
गोविंदराम मेघवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूंजीपतियों का कोऑर्डिनेटर बताते हुए कहा कि वे विदेशी दौरों पर केवल अपने उद्योगपति मित्रों के लिए सौदे तय करने जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिस भी देश में प्रधानमंत्री दौरा करते हैं, वहां कुछ ही महीनों बाद अडानी समूह को बड़े टेंडर मिल जाते हैं। यह भारत की डेमोक्रेसी के लिए खतरनाक है। उन्होंने अडानी विवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने जब संसद में इस मुद्दे को उठाया, तो प्रधानमंत्री इसका उत्तर देने से बचते रहे। इसके बजाय, राहुल गांधी का माइक बंद कर दिया गया, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
आलू से सोना बनाने के बयान पर तंज
पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार कहा था कि वह आलू से सोना बना सकते हैं। हालांकि, बाद में इसे राहुल गांधी का बयान बना दिया गया। उन्होंने भाजपा पर झूठे बयान फैलाने और विपक्ष को बदनाम करने का आरोप लगाया।
आरएसएस पर सीधा हमला
गोविंदराम मेघवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आरएसएस का कोई भी सदस्य भारत की आजादी की लड़ाई में शहीद नहीं हुआ। इन लोगों ने अपने नाखून तक नहीं कटवाए और आज सबसे बड़े राष्ट्रभक्त होने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा भारत के संविधान को समाप्त करना चाहते हैं और देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंक रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के नारे का जिक्र करते हुए कहा, “पहले लड़ते थे गोरों से, अब लड़ेंगे आरएसएस के चोरों से।”
सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप
मेघवाल ने भाजपा पर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह जैसे धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद खड़ा करना और खुदाई जैसे मुद्दों को उठाना भाजपा की रणनीति है। यह जनता को भ्रमित करने और ध्यान भटकाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
देश की डेमोक्रेसी खतरे में
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रगति के युग में भारत को अंधविश्वास और सांप्रदायिकता की ओर धकेला जा रहा है। जबकि दुनिया चंद्रमा तक पहुंचने की बात कर रही है, भारत में धार्मिक विवादों और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया जा रहा है।
गोविंदराम मेघवाल के आरोपों से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस भाजपा सरकार के एक साल के कार्यकाल को असफल और कुशासन का प्रतीक मान रही है। उनके बयान सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इन आरोपों का क्या उत्तर देती है और अपनी छवि सुधारने के लिए क्या कदम उठाती है।