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अडाणी मुद्दे पर गहलोत और पायलट का केंद्र पर हमला

अडाणी मुद्दे पर गहलोत और पायलट का केंद्र पर हमला

मनीषा शर्मा।  पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने अडाणी मुद्दे को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जयपुर के शहीद स्मारक पर कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन में गहलोत और पायलट ने मिलकर लोकतंत्र, बेरोजगारी, महंगाई, और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेरा।

अशोक गहलोत का बीजेपी पर निशाना: “लोकतंत्र का मुखौटा पहना हुआ है”

गहलोत ने अपने बयान में केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि वर्तमान सरकार लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने चुनाव आयोग, केंद्रीय एजेंसियों, और न्यायपालिका पर दबाव डालकर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर किया है। गहलोत ने यह भी कहा कि बीजेपी की रणनीति है कि कांग्रेस को “अडाणी-अडाणी” कहने दें ताकि जनता का ध्यान असली समस्याओं से हट जाए। उन्होंने बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए सरकार की नीतियों को विफल बताया।

“मोदी को इंदिरा गांधी को श्रेय देने में शर्म आती है”

गहलोत ने 16 दिसंबर को मनाए जाने वाले विजय दिवस का उल्लेख करते हुए इंदिरा गांधी की सराहना की। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के दो टुकड़े करके बांग्लादेश बनवाया, जो भारतीय सेना की एक बड़ी विजय थी। गहलोत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंदिरा गांधी को श्रेय देने में शर्म आती है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी हमारे नेताओं का अपमान करते हैं और उनके योगदान को नजरअंदाज करते हैं।

कांग्रेस की कमजोरी: “बूथ लेवल पर संगठन कमजोर”

अपने संबोधन में गहलोत ने कांग्रेस की संगठनात्मक कमजोरियों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा मजबूत है, लेकिन उसे लोगों तक पहुंचाने में असफल रही है। गहलोत ने कहा कि कई जगह कांग्रेस के बूथ लेवल एजेंट तक नहीं बन पाते। उन्होंने सुझाव दिया कि बूथ कमेटियों को मजबूत करके पार्टी की ताकत बढ़ाई जा सकती है।

आरएसएस और बीजेपी पर हमला: “फासिस्ट ताकतें लोकतंत्र को कमजोर कर रही हैं”

गहलोत ने आरएसएस और बीजेपी को फासिस्ट ताकतें करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इनके राज में भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने कहा कि बीजेपी कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती है, जबकि उनके शासन में खुद बड़े स्तर पर घोटाले हो रहे हैं। गहलोत ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आह्वान किया कि वे इन ताकतों से लड़ने के लिए एकजुट हों।

“लच्छेदार भाषण से नहीं मिटती गरीबी”

गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाषणों से लोगों का पेट नहीं भरता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों पर आरोप लगने पर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया, क्योंकि उन्हें जनता की परवाह थी। लेकिन, बीजेपी को जनता की परवाह नहीं है।

सचिन पायलट का बयान: “अडाणी के भ्रष्टाचार का खुलासा होना चाहिए”

सचिन पायलट ने भी अडाणी मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि अडाणी ने जहां-जहां भ्रष्टाचार किया है, उसकी जांच होनी चाहिए। पायलट ने कहा कि कांग्रेस उद्योगों और निवेश के खिलाफ नहीं है, लेकिन सत्ता और उद्योगपतियों के बीच गठजोड़ के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की संपत्तियां चुन-चुन कर एक व्यक्ति को सौंपी जा रही हैं। सरकारी बैंकों से कर्ज दिलाकर उसे दिया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है।

“अमेरिका में अडाणी के खिलाफ वारंट जारी”

पायलट ने अडाणी समूह पर लगे आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका के कानून के तहत यदि किसी व्यक्ति ने भ्रष्टाचार किया है, तो वह वहां निवेश नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने यह स्थापित किया है और अडाणी के खिलाफ वारंट जारी किया है। पायलट ने इसे अडाणी समूह की गलत नीतियों का परिणाम बताया।

“कांग्रेस ने रखी मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव”

पायलट ने कहा कि आज भारत की जो 3-4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, उसकी नींव कांग्रेस ने रखी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार देश की आर्थिक नीतियों को कमजोर कर रही है और चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है।

अडाणी मुद्दा: कांग्रेस की रणनीति

अडाणी मुद्दे पर कांग्रेस ने इसे बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ बड़ा हथियार बनाया है। पार्टी का मानना है कि इस मुद्दे को उठाकर वे बीजेपी को जनता के सामने बेनकाब कर सकते हैं। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ने अडाणी समूह को अनुचित लाभ पहुंचाया है।

बीजेपी की प्रतिक्रिया

बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए इसे चुनावी रणनीति करार दिया है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए अडाणी मुद्दे को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रही है। पार्टी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह देश के विकास में बाधा डाल रही है।

अडाणी मुद्दे को लेकर गहलोत और पायलट के बयानों ने राजनीतिक बहस को गर्म कर दिया है। कांग्रेस ने इसे देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं और आर्थिक नीतियों के लिए खतरा बताया है। वहीं, बीजेपी ने इसे विपक्ष की राजनीतिक रणनीति करार दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में किस तरह प्रभाव डालेगा।


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