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मोदी के वादे के बावजूद कांग्रेस की योजना बंद की’: गहलोत

मोदी के वादे के बावजूद कांग्रेस की योजना बंद की’: गहलोत

मनीषा शर्मा।   राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फ्री स्मार्टफोन योजना बंद करने पर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अगर यह योजना बंद नहीं होती, तो राज्य में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ती और इसके परिणामस्वरूप प्रदेश की जीडीपी को भी बढ़ावा मिलता। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनके वादों के बावजूद कांग्रेस सरकार की योजना को बंद कर दिया गया।

गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (एक्स) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बार-बार मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अपनी सरकार द्वारा 88,000 टैबलेट बांटने की बात कहते हैं, लेकिन उन्हें यह याद रखना चाहिए कि यह योजना कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में घोषित की गई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस तथ्य को छिपाने की कोशिश कर रही है कि उनकी सरकार ने महिलाओं को स्मार्टफोन देने की योजना को बंद कर दिया।

गहलोत ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की 1 करोड़ 19 लाख चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखियाओं को स्मार्टफोन देने की योजना चलाई थी। इस योजना के तहत पहले चरण में लगभग 35 लाख महिलाओं को 3 साल के फ्री इंटरनेट कनेक्शन के साथ स्मार्टफोन दिए गए थे। गहलोत ने दावा किया कि भाजपा सरकार द्वारा इस योजना को बंद करना गलत है, क्योंकि इससे महिलाओं को डिजिटल सेवाओं से जोड़ने का अवसर छीना गया है। उन्होंने कहा कि यदि यह योजना जारी रहती, तो राजस्थान में डिजिटल क्रांति को और मजबूती मिलती।

फ्री स्मार्टफोन योजना: रिसर्च और एविडेंस पर आधारित थी

गहलोत ने भाजपा के इस दावे को झूठा बताया कि कांग्रेस सरकार “मोबाइल रेवड़ी” की तरह बांट रही थी। उन्होंने कहा कि यह योजना पूरी तरह से रिसर्च और एविडेंस पर आधारित थी। यह योजना बिना किसी राजनीतिक उद्देश्य के बनाई गई थी, ताकि महिलाओं को डिजिटल दुनिया से जोड़ा जा सके और उन्हें सरकारी सेवाओं का लाभ ऑनलाइन मिल सके। उन्होंने इस बात का हवाला दिया कि इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकॉनमिक रिलेशन (ICRIER), इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और भारत सरकार के आईटी मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, अगर इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 10% बढ़ती है, तो GDP में 1.08% की वृद्धि होती है। ऐसे में अगर राजस्थान में इंटरनेट का उपयोग करने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ती, तो इसका सकारात्मक प्रभाव राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता।

फ्री स्मार्टफोन योजना को फिर से शुरू करने की मांग

गहलोत ने भाजपा सरकार से मांग की कि इस योजना को फिर से शुरू किया जाए। उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया, जो सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सरकार ने सभी पात्र महिलाओं को स्मार्टफोन देने का निर्णय लिया था, तो इसे रोकना अन्यायपूर्ण है। गहलोत ने कहा कि अब भी प्रदेश की लाखों महिलाएं इस योजना के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने भाजपा सरकार को इस योजना को तत्काल प्रभाव से फिर से लागू करने की अपील की।

क्या थी फ्री स्मार्टफोन योजना?

राजस्थान में महिलाओं को डिजिटल सुविधाओं से जोड़ने और उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस सरकार ने फ्री स्मार्टफोन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 1 करोड़ 19 लाख से अधिक महिलाओं को 3 साल के मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन के साथ स्मार्टफोन दिए जाने थे। पहले चरण में 35 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन दिए गए थे, और इनका वितरण कैंप लगाकर किया गया था। लेकिन भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद इस योजना को बंद कर दिया गया, जिससे लाखों महिलाएं इस लाभ से वंचित रह गईं।

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