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महाराष्ट्र चुनाव की टाइमिंग पर गहलोत ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र चुनाव की टाइमिंग पर गहलोत ने उठाए सवाल

मनीषा शर्मा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की टाइमिंग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 23 नवंबर को चुनाव नतीजे आएंगे, जबकि विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इस स्थिति को देखते हुए गहलोत ने चुनाव आयोग के रवैये पर आपत्ति जताई है।

गहलोत ने कहा, “इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि चुनाव परिणाम विधानसभा के कार्यकाल खत्म होने से मात्र दो दिन पहले आए हों। चुनाव आयोग का यह रवैया ठीक नहीं है। हरियाणा में तो उल्टा किया गया। हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव एक साथ करवाए जाने चाहिए थे।”

उपचुनावों में एकजुटता पर जोर

राजस्थान में सात सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर गहलोत ने कहा कि उन्होंने सभी क्षेत्रों में पार्टी नेताओं से बात की है और एकजुट होकर चुनाव लड़ने पर जोर दिया है। गहलोत ने कहा, “मैंने आज ही सब से बात की है और उनसे कहा है कि हमें एकजुट होकर चुनाव लड़ना है और जीतकर आना है।”

गठबंधन पर फैसला हाईकमान करेगा

गठबंधन के सवाल पर गहलोत ने स्पष्ट किया कि इसका निर्णय कांग्रेस हाईकमान करेगा। उन्होंने कहा, “गठबंधन का फैसला स्टेट लेवल पर नहीं होता है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मेरी कुछ दिन पहले बात हुई थी और उन्होंने कहा कि इस पर अंतिम फैसला हाईकमान स्तर पर ही होगा।”

कांग्रेस में गठबंधन को लेकर अलग-अलग विचार

कांग्रेस के अंदर गठबंधन को लेकर नेताओं के बीच अलग-अलग विचार हैं। एक धड़ा गठबंधन के पक्ष में है, जबकि दूसरा धड़ा अकेले चुनाव लड़ने का समर्थन कर रहा है। उदाहरण के तौर पर, लोकसभा चुनावों में नागौर सीट पर कांग्रेस ने आरएलपी से गठबंधन किया था, जबकि सीकर सीट सीपीएम के अमराराम के लिए छोड़ी गई थी।

बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर कांग्रेस ने ऐन वक्त पर बीएपी के लिए सीट छोड़ने का ऐलान किया, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार ने नाम वापस नहीं लिया। अब बीएपी ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हनुमान बेनीवाल खींवसर के साथ देवली-उनियारा सीट की भी मांग कर रहे हैं, जिससे गठबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है।

महाराष्ट्र चुनाव की टाइमिंग पर गहलोत की आपत्ति

गहलोत ने महाराष्ट्र चुनाव की टाइमिंग पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से केवल दो दिन पहले चुनाव परिणाम आने से कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों को एक साथ करवाने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि समान प्रक्रिया के तहत चुनाव निपटाए जा सकें। गहलोत का मानना है कि चुनाव आयोग का यह निर्णय सही नहीं है और इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठ सकते हैं।

अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र चुनाव की टाइमिंग और राजस्थान के उपचुनावों में गठबंधन को लेकर अपनी स्पष्ट राय रखी है। उनका मानना है कि महाराष्ट्र में चुनाव आयोग का निर्णय सही नहीं है, और राजस्थान के उपचुनावों में कांग्रेस को एकजुट होकर लड़ना चाहिए। वहीं, गठबंधन के मसले पर फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया गया है।

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