शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर तीखे तेवर देखने को मिले जब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर सीधा हमला बोला। गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट साझा कर प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को “शर्मनाक हालात” में बताया और कहा कि जिस राज्य को उन्होंने हेल्थ मॉडल स्टेट बनाया था, वहां अब मरीजों को इलाज तक नहीं मिल रहा।
कांग्रेस शासन को बताया ‘स्वर्ण काल’, अब हालात चिंताजनक
गहलोत ने अपनी पोस्ट में लिखा कि कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया था, जहां हेल्थ सेक्टर में ऐतिहासिक काम हुए। उन्होंने दावा किया कि:
सबसे अधिक इंश्योरेंस कवरेज राजस्थान में था
पीएचसी, सीएचसी, उप जिला अस्पताल, सैटेलाइट हॉस्पिटल्स की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई
नए मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज खोले गए
हजारों डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती हुई
कोविड काल में राजस्थान का मैनेजमेंट देशभर में सराहा गया
‘राइट टू हेल्थ’ कानून लागू कर लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार दिया गया
लेकिन अब, गहलोत के मुताबिक, इन योजनाओं को फ्लैगशिप स्कीम्स से बाहर कर देना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
चिकित्सा सुविधाओं की जमीनी सच्चाई पर सवाल
गहलोत ने विशेष रूप से RUHS अस्पताल की हालत का उल्लेख किया, जहां ऑपरेशन थिएटर तक में एसी नहीं चल रहे हैं। उन्होंने लिखा कि गर्मी से बेहाल मरीजों को न तो कूलर मिल रहे हैं और न ही जरूरी व्यवस्थाएं। उन्होंने सवाल किया कि जब बड़े अस्पतालों में ही ये हाल हैं, तो छोटे कस्बों और गांवों में क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
सरकार पर लापरवाही का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा राजनीति का विषय नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह जनहित से जुड़ी मूलभूत आवश्यकता है। लेकिन वर्तमान सरकार न केवल पूर्ववर्ती योजनाओं को खत्म कर रही है, बल्कि मौजूदा सुविधाओं के रखरखाव में भी कोई रुचि नहीं दिखा रही। गहलोत ने चेतावनी भरे लहजे में लिखा कि यदि यह स्थिति यूं ही बनी रही, तो राज्य की आम जनता को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द हालात की समीक्षा करके ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि लोगों की जान से जुड़ी सेवाएं बेहतर की जा सकें।