मनीषा शर्मा। टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी गूगल ने क्लाउड सिक्योरिटी फर्म विज (Wiz) को 32 बिलियन डॉलर (करीब 2.7 लाख करोड़ रुपये) में खरीद लिया है। यह सौदा गूगल की अब तक की सबसे बड़ी डील है, जिसे मंगलवार को फाइनल किया गया। इस अधिग्रहण के बाद विज, गूगल के क्लाउड बिजनेस का हिस्सा बन जाएगी और इससे गूगल की साइबर सिक्योरिटी को और मजबूती मिलेगी। गूगल ने इस डील के बारे में कहा, “हमारी क्लाउड सिक्योरिटी पहले से ही मजबूत है, लेकिन विज के जुड़ने से यह और भी बेहतर हो जाएगी।”
AI साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करने की रणनीति
गूगल ने यह सौदा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बढ़ते साइबर खतरों से बचाव के लिए किया है। वर्तमान समय में AI आधारित साइबर अटैक्स में तेजी आई है, जिससे कंपनियां हाई-लेवल सिक्योरिटी की मांग कर रही हैं। गूगल का यह कदम माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़न जैसी कंपनियों को क्लाउड सिक्योरिटी सेक्टर में कड़ी टक्कर देने के लिए उठाया गया है। इस अधिग्रहण से मल्टी-क्लाउड टेक्नोलॉजी और सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत किया जाएगा।
पहले भी दिया था 23 बिलियन डॉलर का ऑफर
गूगल ने जुलाई 2023 में विज को 23 बिलियन डॉलर में खरीदने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तब विज ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। अब, 2026 तक यह डील पूरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। विज की टेक्नोलॉजी एंटरप्राइज लेवल की कंपनियों को मल्टी-क्लाउड सिक्योरिटी प्रोवाइड करती है और इसी वजह से गूगल इस सौदे को लेकर बेहद उत्साहित है।
सुंदर पिचाई का बयान: “गूगल की सिक्योरिटी पहले से भी ज्यादा मजबूत होगी”
गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने इस अधिग्रहण को लेकर कहा, “गूगल हमेशा से सिक्योरिटी को प्राथमिकता देता रहा है। आज की दुनिया में बिजनेस मालिक ऐसे क्लाउड प्रोवाइडर चाहते हैं जो हाई लेवल की सिक्योरिटी प्रदान कर सके। विज के साथ मिलकर हम क्लाउड सिक्योरिटी को एक नए स्तर पर ले जाएंगे।”
अल्फाबेट के शेयरों में 4% की गिरावट
हालांकि, इस बड़े सौदे के बावजूद गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयरों में 4% की गिरावट दर्ज की गई।
मंगलवार को अमेरिकी बाजार के शुरुआती कारोबार में अल्फाबेट के शेयर 159.58 डॉलर तक गिर गए, जबकि एक दिन पहले यह 164.29 डॉलर पर बंद हुए थे।
इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण यह हो सकता है कि निवेशकों को इतनी बड़ी डील के वित्तीय प्रभाव को लेकर चिंता हो।
क्यों है यह डील महत्वपूर्ण?
गूगल की सबसे बड़ी डील: 32 बिलियन डॉलर की यह डील गूगल के इतिहास की सबसे महंगी खरीदारी है।
माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़न को टक्कर: क्लाउड सिक्योरिटी सेक्टर में गूगल अब माइक्रोसॉफ्ट और AWS जैसी कंपनियों के लिए और बड़ा खतरा बन सकता है।
AI आधारित साइबर अटैक्स से बचाव: विज की तकनीक AI से जुड़े साइबर खतरों को रोकने में मदद करेगी।
मल्टी-क्लाउड सिक्योरिटी को मजबूती: यह अधिग्रहण गूगल को मल्टी-क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को और सुरक्षित बनाने में मदद करेगा।