मनीषा शर्मा। भारत में सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) सार्वजनिक खरीद क्षेत्र में एक गेम-चेंजर के रूप में उभरा है। राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि इस प्लेटफॉर्म ने सरकारी खरीदारों के साथ-साथ स्थानीय उद्यमियों, स्टार्टअप्स और विशेष रूप से महिला नेतृत्व वाले व्यवसायों को व्यापक लाभ प्रदान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस मंच को महिला उद्यमियों के लिए सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहा है।
GeM का प्रभाव और महिला उद्यमियों की भागीदारी
राज्यसभा में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में बताया कि GeM प्लेटफॉर्म को 2016 में लॉन्च किया गया था। मोदी सरकार की परिकल्पना के तहत, इस प्लेटफॉर्म पर महिला उद्यमियों की हिस्सेदारी 8% तक पहुंच चुकी है। वर्तमान में 1,77,786 महिला सूक्ष्म और लघु उद्यम (MSME) GeM पर पंजीकृत हैं और उन्होंने अब तक 46,615 करोड़ रुपये के ऑर्डर पूरे किए हैं।
सरकार ने GeM को अधिक प्रभावी बनाने के लिए इस वित्तीय वर्ष में लघु उद्योग भारती, अमेजन सहेली, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और एसोसिएशन ऑफ लेडी एंटरप्रेन्योर्स ऑफ इंडिया जैसी 35 से अधिक संस्थाओं के साथ मिलकर विक्रेता ऑनबोर्डिंग कार्यशालाएं आयोजित की हैं। इससे महिला और लघु उद्यमियों को सरकारी खरीद प्रक्रियाओं में अधिक अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
सार्वजनिक खरीद का आर्थिक प्रभाव
मदन राठौड़ ने कहा कि सार्वजनिक खरीद किसी भी देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सरकार जब पारदर्शी और प्रभावी तरीके से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद करती है, तो इससे न केवल सार्वजनिक धन का उचित उपयोग होता है, बल्कि व्यवसायों और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होते हैं। इसके साथ ही नवाचार को बढ़ावा मिलता है और समग्र सामाजिक विकास में योगदान होता है।