शोभना शर्मा। राजस्थान में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच, राज्य सरकार ने आत्महत्या रोकने के लिए एक विधेयक लाने का निर्णय किया है। यह जानकारी शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से प्रस्तुत की गई।
कोचिंग सेंटर्स पर केंद्र सरकार की गाइडलाइन लागू करने का सुझाव
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि कानून बनने में समय लग सकता है, ऐसे में क्यों न केंद्र सरकार की गाइडलाइन को लागू कर दिया जाए? इन गाइडलाइनों में कोचिंग सेंटर्स के पंजीयन और मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान शामिल हैं। इसके साथ ही, सजा और जुर्माने के प्रावधान भी दिए गए हैं।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में इस पर जवाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने कोचिंग सेंटर्स की पंजीयन प्रक्रिया में तेजी लाने और इसे गाइडलाइन के तहत संचालित करने की बात कही।
याचिका का इतिहास और हाईकोर्ट की पहल
कोटा में कोचिंग छात्रों के सुसाइड की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए करीब नौ साल पहले हाईकोर्ट ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए याचिका दायर की थी। इसके तहत अदालत ने सरकार से पूछा था कि कोचिंग छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि आत्महत्या रोकने के उद्देश्य से एक विधेयक लाया जा रहा है। लेकिन न्यायमित्र और वरिष्ठ वकील सुधीर गुप्ता ने अदालत को सुझाव दिया कि जब तक कानून पारित नहीं होता, तब तक केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन कराया जाए।
कोचिंग संस्थानों की प्रतिक्रिया
कोचिंग संस्थानों की ओर से वरिष्ठ वकील आर. एन. माथुर ने अदालत को बताया कि उन्हें पंजीयन प्रक्रिया से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन केंद्र की गाइडलाइन के बजाय राज्य सरकार का कानून लागू किया जाए।
कोचिंग छात्रों की आत्महत्या का संकट
कोटा, जो देश का सबसे बड़ा कोचिंग हब है, यहां हर साल हजारों छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। लेकिन छात्रों पर बढ़ते दबाव और असफलता का डर आत्महत्या जैसी घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है।
आंकड़ों के अनुसार, कोटा में हर साल कोचिंग छात्रों की आत्महत्या की कई घटनाएं सामने आती हैं। यह एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी है, जिसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
राज्य सरकार की योजना
राज्य सरकार ने आत्महत्या रोकने के लिए कानून लाने की घोषणा की है। इस कानून में कोचिंग सेंटर्स के संचालन, छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य देखभाल, और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रावधान शामिल होंगे।