मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार ने सड़क, बाइपास और मास्टर प्लान के लिए अधिग्रहित की गई जमीन पर मुआवजा बढ़ाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के हालिया आदेश के अनुसार, 2005 से पहले के जिन मामलों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है या मुआवजे का आदेश जारी हो चुका है, उनमें 10% ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा।
नए आदेश के तहत, ऐसे मामलों में अधिग्रहित जमीन के बदले अब 15% की बजाय 25% मुआवजा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 2005 से पहले और इसके बाद के मामलों में भी मुआवजे में बदलाव किया गया है। पहले 25% जमीन का प्रावधान था, जिसमें 5% जमीन कॉमर्शियल होती थी। अब, अगर कॉमर्शियल जमीन उपलब्ध नहीं है या खातेदार पूरी जमीन आवासीय लेना चाहता है तो उसे 30% जमीन दी जाएगी, जो पूरी तरह से आवासीय होगी।
नगरीय विकास विभाग ने भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के लिए नई शर्तें तय करते हुए आदेश जारी किए हैं। यह आदेश उन मामलों पर लागू होगा, जिनमें 27 अक्टूबर 2005 से पहले मुआवजे का लेटर जारी हो चुका है, लेकिन जमीन का कब्जा विवाद के कारण नहीं लिया गया है। ऐसे प्रकरणों में अब सरकार 15% की बजाय 25% मुआवजा देगी।
इसके लिए सरकार ने सभी नगरीय निकायों से प्रस्ताव तैयार करने और सम्पूर्ण रिपोर्ट सरकार को भेजने के लिए कहा है। 2005 के बाद के मामलों में, जिनमें अवार्ड जारी हो चुका है, अब मुआवजे के रूप में 25% (20% आवासीय, 5% कॉमर्शियल) के स्थान पर 30% जमीन देने का विकल्प भी दिया गया है।
इस पहल का उद्देश्य भूमि मालिकों को बेहतर मुआवजा प्रदान करना और अवाप्ति प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करना है, जिससे नगरीय विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी और आम जनता को लाभ होगा।