शोभना शर्मा। भारत में टेलिकॉम क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हो रही है। केंद्र सरकार ने ‘मेड इन इंडिया’ मुहिम को और सशक्त बनाते हुए देश में ही टेलिकॉम उपकरणों और तकनीक के निर्माण का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत सरकार ने टेलिकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन बनाने का ऐलान किया है, जिससे 4G और 5G तकनीकों को स्वदेशी तरीके से अपग्रेड किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस योजना की घोषणा की, जो भारत के टेलिकॉम सेक्टर को आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
स्वदेशी उपकरणों के निर्माण का संकल्प
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया कि टेलिकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन का उद्देश्य भारत में ही टेलिकॉम उपकरण बनाना है। इसके तहत BSNL के 1 लाख मोबाइल टावर को 4G और 5G में अपग्रेड करने की योजना है। सरकार ने विदेशी उपकरणों के बजाय स्वदेशी समाधान पर जोर दिया है। इस दिशा में भारतीय कंपनियों की तकनीकी क्षमताओं का उपयोग किया जाएगा।
स्वदेशी 4G सिस्टम: वैश्विक स्तर पर भारत की सफलता
भारत दुनिया का पांचवा ऐसा देश बन चुका है, जिसने खुद का 4G टेलिकॉम सिस्टम विकसित किया है। यह देश के टेलिकॉम सेक्टर की आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ी छलांग है। भारतीय सरकारी कंपनी C-DOT ने 4G कोर सिस्टम को विकसित किया है, जबकि तेजस नेटवर्क ने RANs Q BTS का नवाचार किया है। इन तकनीकी उपलब्धियों के जरिए देश में 4G और 5G तकनीक को अपग्रेड किया जाएगा।
BSNL और ‘मेड इन इंडिया’ का सहयोग
सरकार ने BSNL को 4G तकनीक में अपग्रेड करने के लिए स्वदेशी उपकरणों का उपयोग करने का निर्देश दिया है। BSNL के करीब 1 लाख टावर को 2025 तक स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से होगी, जिसमें पहले 4G टावर लगाए जाएंगे और फिर उन्हें 5G में अपग्रेड किया जाएगा।
4G और 5G का रोलआउट
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि 4G तकनीक का रोलआउट तेजी से किया जा रहा है। देश के कई हिस्सों में 4G नेटवर्क का विस्तार हो चुका है, और जल्द ही 5G टावर भी लगाए जाएंगे। सरकार ने यह भी कहा कि भारत केवल अपने लिए 4G उपकरणों का निर्माण नहीं करेगा, बल्कि इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक्सपोर्ट भी करेगा।
टेलिकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन: आत्मनिर्भर भारत का भविष्य
सरकार ने टेलिकॉम सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग जोन स्थापित करने का फैसला किया है। इन जोन में स्वदेशी तकनीकों के जरिए उपकरण और हार्डवेयर का निर्माण होगा। यह पहल न केवल देश के टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाएगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।
2025 तक 1 लाख टावर लगाने का लक्ष्य
सरकार ने 2025 के अप्रैल-मई तक 1 लाख टावर लगाने की योजना बनाई है। इसके तहत BSNL के टावरों को पहले 4G में अपग्रेड किया जाएगा और फिर 5G में बदलने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस योजना से न केवल इंटरनेट स्पीड में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच डिजिटल अंतर को भी कम किया जाएगा।
‘मेड इन इंडिया’ से टेलिकॉम सेक्टर को नई पहचान
‘मेड इन इंडिया’ पहल के तहत टेलिकॉम सेक्टर में आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार का मानना है कि विदेशी उपकरणों पर निर्भरता को कम कर देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इस फैसले से भारत न केवल खुद को सशक्त बनाएगा, बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी पहचान बनाएगा।
चुनौतियां और संभावनाएं
हालांकि, स्वदेशी उपकरणों का निर्माण एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन सरकार ने इस कठिन रास्ते को चुना है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की तकनीकी क्षमताओं और नवाचारों के जरिए इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता है।