मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार ने किसानों की फसल सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है, जिसमें खेतों की तारबंदी के लिए किसानों को अधिकतम ₹56,000 तक का अनुदान दिया जाएगा। यह योजना राजस्थान एपी इन्फ्रा मिशन के तहत लागू की गई है और इसका उद्देश्य किसानों को फसल सुरक्षा में मदद करना है, ताकि आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
किसान एवं पशुपालकों के लिए यह योजना बेहद फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि आर्थिक रूप से कमजोर किसान अक्सर खेतों में चारदीवारी या तारबंदी करने में सक्षम नहीं होते हैं। ऐसे में यह योजना उनकी मदद कर रही है। इस योजना में तीन श्रेणियों के तहत अनुदान दिया जाएगा, जिसमें व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों प्रकार के किसानों को शामिल किया गया है।
तारबंदी योजना के लाभ
तारबंदी योजना के तहत, किसानों को अपनी फसलों को आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से बचाने के लिए तारबंदी करने पर सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस योजना के तहत सरकार ने तीन श्रेणियों के माध्यम से अनुदान प्रदान करने का प्रावधान रखा है।
पहली श्रेणी: व्यक्तिगत अनुदान
इस श्रेणी के अंतर्गत, व्यक्तिगत रूप से किसानों को उनकी तारबंदी पर होने वाले खर्च का 50% या अधिकतम ₹40,000 (जो भी कम हो) अनुदान के रूप में दिया जाएगा। यह श्रेणी छोटे और सीमांत किसानों के लिए सबसे उपयुक्त है, जिन्हें अपनी फसल की सुरक्षा के लिए सीमित संसाधनों के साथ तारबंदी करनी होती है।
दूसरी श्रेणी: लघु और सीमांत किसानों के लिए
इस श्रेणी में लघु एवं सीमांत किसानों को सरकार की ओर से तारबंदी करने पर कुल लागत का 60% या अधिकतम ₹48,000 तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। यह योजना उन किसानों के लिए बेहद लाभकारी है, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जो अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए तारबंदी का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं।
तीसरी श्रेणी: सामुदायिक अनुदान
तीसरी श्रेणी में, सामुदायिक आधार पर 10 किसान मिलकर एक साथ तारबंदी के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस श्रेणी में, किसानों को कुल लागत का 70% या अधिकतम ₹56,000 प्रति किसान तक का अनुदान दिया जाएगा। इस श्रेणी में आवेदन करने वाले किसानों को अपनी सामूहिक कृषि भूमि पर तारबंदी करने की सुविधा मिलेगी, जिससे वे सामुदायिक तौर पर अपनी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेंगे।
आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए फायदेमंद
राजस्थान में कई किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण, वे अपनी फसलों को आवारा पशुओं और अन्य खतरों से सुरक्षित रखने के लिए तारबंदी करने में सक्षम नहीं होते। ऐसे में यह योजना उनके लिए बहुत सहायक साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को अपनी आर्थिक क्षमता के आधार पर सब्सिडी दी जा रही है, जिससे वे अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए तारबंदी कर सकें।
योजना का विस्तार और आवेदन प्रक्रिया
राजस्थान सरकार ने किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस योजना के दायरे को और बढ़ा दिया है। अब प्रदेश के किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन करने का मौका मिल रहा है। 2024-25 के वित्तीय वर्ष के लिए मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत तारबंदी योजना को लागू किया गया है, जिसमें फसल सुरक्षा मिशन को प्रमुख रूप से शामिल किया गया है।
राजस्थान के कई जिलों में इस योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। चूरू जिले में ही 40,000 से अधिक किसानों ने कृषि विभाग में तारबंदी के लिए अनुदान पाने के लिए आवेदन किया है। इनमें से 3,500 किसानों का अनुदान के लिए चयन हो चुका है, जबकि अन्य किसानों की प्रक्रिया चल रही है।
अनुदान के नियम और प्रावधान
तारबंदी योजना के तहत किसानों को अनुदान प्राप्त करने के लिए सरकार ने कुछ विशेष नियम निर्धारित किए हैं।
- लघु और सीमांत किसानों को तारबंदी के लिए कुल लागत का 60% या अधिकतम ₹56,000 तक का अनुदान दिया जाएगा।
- व्यक्तिगत श्रेणी में, किसानों को कुल लागत का 50% या अधिकतम ₹40,000 तक का अनुदान मिलेगा।
- सामुदायिक श्रेणी में, 10 किसान मिलकर आवेदन कर सकते हैं, जिसमें उन्हें कुल लागत का 70% या अधिकतम ₹56,000 प्रति किसान अनुदान मिलेगा।
इसके अलावा, किसानों को योजना का लाभ पाने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, जैसे आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, बैंक खाता की पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो, जमाबंदी की नकल (छह महीने से पुरानी नहीं), और तारबंदी के व्यय की रसीद।
न्यूनतम भूमि की आवश्यकता
तारबंदी योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि होनी चाहिए। सामुदायिक श्रेणी में आवेदन करने के लिए, दो या अधिक किसानों के पास संयुक्त रूप से कम से कम 1.5 हेक्टेयर (या 6 बीघा) कृषि भूमि होना आवश्यक है।
कैसे करें आवेदन?
राजस्थान तारबंदी योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसान आधिकारिक वेबसाइट या ई-मित्र केंद्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद किसानों को ऑनलाइन प्राप्ति रसीद मिलती है, जिसके बाद वे अपनी दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
इस योजना के तहत अनुदान का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाता है। इसके लिए किसानों को अपनी भूमि पर कम से कम 400 रनिंग मीटर की तारबंदी करवानी होगी। यदि लंबाई 400 मीटर से कम होती है, तो भी अनुदान नियमों के तहत मिलेगा।
योजना का महत्व
राजस्थान सरकार की यह योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे अपनी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए तारबंदी अत्यंत आवश्यक है। यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करती है, बल्कि उन्हें अपनी फसल की सुरक्षा के प्रति जागरूक भी करती है।