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गोविंद सिंह डोटासरा ने नगर पालिका के जेईएन को लगाई फटकार

गोविंद सिंह डोटासरा ने नगर पालिका के जेईएन को लगाई फटकार

शोभना शर्मा। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को नगर पालिका के जेईएन को जनसुनवाई के दौरान फटकार लगाई। जनसुनवाई के दौरान एक पुरानी हवेली को जर्जर बताकर तोड़ने के आदेश का मामला सामने आया, जिस पर डोटासरा ने नाराजगी व्यक्त की। नगर पालिका ने इस हवेली को खतरनाक घोषित कर दिया था, लेकिन दुकानदारों ने इसका विरोध किया।

डोटासरा ने जेईएन पारस को बुलाकर उनसे कहा कि बिना ठोस आधार के ऐसे आदेश जारी न किए जाएं। उन्होंने जेईएन को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी नौकरी पर खतरा आ सकता है अगर इस तरह के आदेश बार-बार बिना उचित जांच के जारी किए जाते रहे। डोटासरा ने उपखंड अधिकारी (SDM) मोहर सिंह मीणा से भी कहा कि इस मामले में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) में एफआईआर दर्ज करवाई जाए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी इमारत को जर्जर घोषित करने का अधिकार सिर्फ जिला कलेक्टर की ओर से बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही होता है। डोटासरा ने यह भी सवाल उठाया कि निजी मरम्मत कार्यों को नगर पालिका द्वारा कैसे स्वीकृति दी जा रही है। उन्होंने कहा, “अगर आप एक हवेली की मरम्मत करवा रहे हैं, तो अन्य कई हवेलियों की भी मरम्मत करवानी होगी।” उन्होंने चौराहों और सड़कों की मरम्मत की समस्याओं पर भी जोर दिया।

दुकानदारों ने उठाया मुद्दा

यह पुरानी हवेली लक्ष्मणगढ़ के पुराने बस स्टैंड के पास स्थित है, और इसमें कई दुकानें चल रही हैं। नगर पालिका द्वारा इसे जर्जर घोषित किए जाने के बाद दुकानदारों ने जनसुनवाई में डोटासरा के सामने अपनी आपत्तियां जताईं। दुकानदार चाहते हैं कि इस हवेली को न तोड़ा जाए और उसे ठीक किया जाए ताकि उनके व्यवसाय पर असर न पड़े।

बीजेपी पर किया तीखा प्रहार

जनसुनवाई के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने मीडिया से बातचीत की और बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ब्यूरोक्रेसी इस सरकार में पूरी तरह हावी है, और जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार का 9 महीने का कार्यकाल पूरी तरह फ्लॉप है।” उन्होंने एक मंत्री का उदाहरण देते हुए कहा कि वह पिछले ढाई महीने से इस्तीफा लेकर घूम रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर फैसला नहीं कर पा रही है। उन्होंने इसे सरकार की असफलता बताया और कहा कि बीजेपी के विधायक भी यह मान रहे हैं कि उनके काम नहीं हो रहे हैं।

‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ पर उठाए सवाल

डोटासरा ने प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ के सुझाव पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “राजस्थान सरकार ने अपने बजट में इस पर बात की, लेकिन इसे लागू करना उतना आसान नहीं है जितना कहा जा रहा है।” उन्होंने बताया कि पंचायती राज का केंद्रीय कानून इसमें बड़ी बाधा है और बिना संशोधन के यह संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चुनावों को टालने और नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम, और पंचायती राज की तमाम संस्थाओं पर प्रशासक लगाकर कब्जा करना चाहती है। डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार को डर है कि वे चुनाव हार सकते हैं और इसलिए वे प्रशासक लगाकर चुनाव टालने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी और जनप्रतिनिधियों को घर बैठाना लोकतंत्र के खिलाफ है।

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