मनीषा शर्मा, अजमेर। अजमेर रेलवे स्टेशन पर हाल ही में एक भव्य महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य स्टेशन के गौरवमय इतिहास को मनाना था। इस महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें स्कूली बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर स्टेशन से जुड़े प्राचीन इतिहास की जानकारी भी साझा की गई, जिससे उपस्थित लोगों को स्टेशन के महत्व और उसकी ऐतिहासिकता का ज्ञान हुआ।
महोत्सव का उद्घाटन विधायक अजमेर (दक्षिण) अनीता भदेल के मुख्य आतिथ्य में किया गया। इस कार्यक्रम में मण्डल रेल प्रबंधक राजू भूतड़ा, स्वतंत्रता सेनानी सोमाराम गेहरवाल, और मुख्य परियोजना प्रबंधक (गतिशक्ति) अनूप शर्मा सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। इस महोत्सव का एक प्रमुख आकर्षण स्टेशन से संबंधित सवालों की एक क्विज का आयोजन था, जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान, स्कूली बच्चों ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जो दर्शकों के लिए एक अद्भुत अनुभव था। इस अवसर पर अजमेर स्टेशन भवन की समाकृति का एक विशेष केक भी काटा गया, जो इस महोत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इसके साथ ही, आजादी के प्रतीक गुब्बारे भी उड़ाए गए, जो इस आयोजन को और भी खास बना रहे थे।
महोत्सव में सुंदर रंगोली सजाई गई, जो स्टेशन के वातावरण को और भी जीवंत बना रही थी। इस रंगोली ने न केवल सांस्कृतिक महत्व को दर्शाया, बल्कि उपस्थित लोगों के मन में उत्साह और खुशी का संचार भी किया। महोत्सव के दौरान अजमेर स्टेशन के प्राचीन फोटो और इतिहास की जानकारी सहित कई रोचक तथ्यों का प्रदर्शन किया गया, जिससे लोगों को स्टेशन के इतिहास के बारे में और अधिक जानकारी मिली।
इस अवसर पर वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक बीसीएस चौधरी, मण्डल वाणिज्य प्रबंधक मोनिका यादव, स्टेशन मैनेजर अवधेश कुमार और अन्य रेलवे स्टाफ भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त और वर्तमान रेल कर्मचारियों तथा अधिकारियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों में सुनील मोहन जौहरी, एम एल फुलवारी, अरुण गुप्ता, सारिका जैन, आरके सोनी, नवाब जोसेफ, अंकिता सूद, राजेश रॉबिंसन, जयसिंह, मनमोहन राठौड़, रवि पनियार, राजेंद्र चौधरी, एम ए अंसारी, पदम कुमार, अजय जैन, निरंजन वर्मा और संजय काकड़ा शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन रश्मि और संजय काकड़ा द्वारा किया गया, जिन्होंने इस महोत्सव को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस महोत्सव ने न केवल रेलवे स्टेशन के इतिहास को उजागर किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय को एकजुट किया जा सकता है।