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सुर-ताल उत्सव का जयपुर में भव्य शुभारंभ

सुर-ताल उत्सव का जयपुर में भव्य शुभारंभ

शोभना शर्मा। राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और कलाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘सुर-ताल’ उत्सव का शुभारंभ 6 सितंबर को जयपुर के जवाहर कला केंद्र में किया गया। यह तीन दिवसीय महोत्सव राजस्थान डेल्फीक काउंसिल, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (उदयपुर) और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (पटियाला) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया है। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि हेड ऑफ़ फॉरेस्ट फ़ोर्स अरिजीत बनर्जी और विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी  संदीप वर्मा उपस्थित रहे।

उत्सव का आरंभ प्रख्यात फोटोग्राफर शिरीष कर्राले की फोटोग्राफी वर्कशॉप से हुआ, जिसमें प्रतिभागियों को फोटोग्राफी के प्रैक्टिकल गुर सिखाए गए। इस वर्कशॉप में कला प्रेमियों ने फोटोग्राफी के नए-नए तकनीकी पहलुओं को सीखा और समझा।

पहले दिन की सांगीतिक संध्या में मुख्य अतिथि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी  प्रीतम सिंह और विशिष्ट अतिथि कला प्रेमी  कमला पोद्धार थीं। इस दौरान गुजरात के आचार्य रणछोड़ गोस्वामी द्वारा राधाकृष्ण को समर्पित हवेली संगीत की प्रस्तुति दी गई। उनके साथ सारंगी पर  अर्पित, पखावज पर  हिरेन, और तानपुरा पर अंकुर सोनी ने साथ दिया। इन कलाकारों ने शास्त्रीय संगीत की ध्रुपद और धमार शैलियों का प्रदर्शन करते हुए कृष्ण भक्ति रस के पदों का गायन किया, जिसने दर्शकों को भक्ति भाव से सराबोर कर दिया।

इसके बाद, प्रसिद्ध कोरियोग्राफर संतोष नायर द्वारा निर्देशित नृत्य फ्यूज़न ‘वाइब्रेंट इंडिया’ प्रस्तुत किया गया, जिसमें 30 कलाकारों ने विभिन्न शास्त्रीय नृत्यों जैसे ओडीसी, भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम, छाऊ, और सूफियाना नृत्यों का संगम प्रस्तुत किया। इस रंगारंग प्रस्तुति में जब राजस्थान के घूमर, मणिपुर के पुंग ढोल चोलम, और गुजरात के गरबा जैसे लोक नृत्यों का तालमेल हुआ, तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। कार्यक्रम के अंत में जब सभी कलाकार एक साथ मंच पर आए, तो दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिनंदन किया।

राजस्थान डेल्फीक काउंसिल की अध्यक्ष और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्रेया गुहा ने बताया कि इस सुर-ताल उत्सव का उद्देश्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि काउंसिल गत तीन वर्षों से युवाओं को लोककला, संगीत, और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए कार्यरत है। इस उत्सव के माध्यम से काउंसिल कला प्रेमियों को अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान कर रही है, ताकि क्षेत्रीय संस्कृतियों और कलाओं को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके।

उत्सव के दूसरे दिन प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक सौरव वशिष्ठ और ओडीसी नृत्य कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से मंच को सजाएंगे। महोत्सव के दौरान संगीत, नृत्य, और ग़ज़ल गायन की विभिन्न आकर्षक प्रस्तुतियाँ दी जा रही हैं, जो सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने का प्रयास है।

इस अवसर पर पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक मोहम्मद फुरकान खान, आईएएस अधिकारी डॉ मनीषा अरोड़ा, राजस्थान डेल्फिक काउंसिल के महासचिव डॉ जितेंद्र सोनी, आरएएस अधिकारी  शिप्रा शर्मा, कीर्ति शर्मा, नवीन त्रिपाठी और राहुल सूद भी उपस्थित थे। सभी ने सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के इस अनूठे प्रयास की सराहना की। तीन दिवसीय सुर-ताल उत्सव का समापन 8 सितंबर को होगा, जिसमें कलाकारों द्वारा और भी उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देखने को मिलेंगी।

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