मनीषा शर्मा। महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संघ परिवार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखे हमले किए। वह झालाना स्थित प्रौढ़ शिक्षण केंद्र में सुधांशु मिश्र द्वारा लिखित पुस्तक ‘समकाल’ के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। तुषार गांधी ने महात्मा गांधी और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जैसे महापुरुषों पर हो रहे राजनीतिक हमलों और उनके विचारों के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की।
महापुरुषों के विचारों का राजनीतिक उपयोग
तुषार गांधी ने कहा, “हमारी बदनसीबी है कि हमारे महापुरुषों का राजनीतिक उपयोग हमेशा किया गया है, लेकिन आज के दौर में यह ज्यादा जोर-शोर से हो रहा है। संघ परिवार की ओर से सुनियोजित षड्यंत्र के तहत महापुरुषों की प्रतिष्ठा पर हमला किया जा रहा है।” उन्होंने सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी के खिलाफ हो रहे हमलों का उल्लेख करते हुए कहा कि “हर दिन बापू पर नए आरोप लगाए जाते हैं। यह सिर्फ विचारधारा को कमजोर करने की कोशिश है।”
बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान पर हमला
तुषार गांधी ने दावा किया कि संघ परिवार बाबा साहेब अंबेडकर को भी निशाना बना रहा है। उन्होंने कहा, “जो लोग पहले मनुस्मृति के उपासक थे, वे अब बाबा साहेब के संविधान को हटाकर मनुस्मृति को संविधान बनाना चाहते हैं। यह एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है।”
महात्मा गांधी के प्रति संघ और बीजेपी का नजरिया
तुषार गांधी ने बीजेपी नेताओं की महात्मा गांधी पर टिप्पणी का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा, “इन लोगों ने बापू को कभी नहीं माना। उन्होंने बापू को अपने मकसदों का दुश्मन समझा। गांधीजी की हत्या के बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि उनके विचार उनसे ज्यादा ताकतवर हैं। उनके विचार खत्म करने के लिए पिछले 75 वर्षों से मुहिम चलाई जा रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और संघ बापू का अपमान करते हैं और उनकी भक्ति का नाटक करते हैं। यह सब सत्ता के दुरुपयोग का प्रतीक है।
लोकतंत्र और संसद की स्थिति
तुषार गांधी ने मौजूदा लोकतांत्रिक हालात पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “आज संसद को पंगु बना दिया गया है। हर सेशन में जानबूझकर विरोधी पक्षों को उकसाने के लिए सत्ताधारी पार्टी घटनाएं करती है, ताकि संसद का कार्य ठप हो सके। पिछले 8 सालों से यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। यह नागरिकों की नजर में लोकतंत्र की शक्ति को कमजोर करने का प्रयास है।”
आर्थिक स्थिति पर तीखी आलोचना
देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा करते हुए तुषार गांधी ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए जो व्यक्ति रुपये की गिरावट पर चिंता व्यक्त करता था, वह आज 85 रुपये प्रति डॉलर के पार जाने पर भी चुप है। यह आर्थिक शक्ति के केंद्रीकरण और सत्ताधारी पार्टी की बेशर्मी को दिखाता है।”
महात्मा गांधी के विचारों की प्रासंगिकता
तुषार गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि महात्मा गांधी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने उनके जीवनकाल में थे। उन्होंने कहा, “बापू का जीवन और उनके विचार हमें सिखाते हैं कि सच्चाई और अहिंसा का पालन करना ही सशक्त और स्थायी लोकतंत्र की नींव है।”