शोभना शर्मा। अक्टूबर 2024 में माल एवं सेवा कर (GST) का सकल राजस्व संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो पिछले साल की तुलना में 9 प्रतिशत की वृद्धि है। यह आंकड़ा अब तक का दूसरा सबसे बड़ा मासिक GST संग्रह है। इससे पहले, अप्रैल 2024 में सबसे अधिक 2.10 लाख करोड़ रुपये का GST संग्रह हुआ था। वित्त मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में घरेलू लेनदेन और GST अनुपालन में सुधार से इस संग्रह में वृद्धि देखी गई है।
अक्टूबर 2024 में केंद्रीय GST संग्रह 33,821 करोड़ रुपये, राज्य GST 41,864 करोड़ रुपये, एकीकृत GST 99,111 करोड़ रुपये और उपकर 12,550 करोड़ रुपये रहा। इसी महीने में रिफंड के तौर पर 19,306 करोड़ रुपये जारी किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 18.2 प्रतिशत अधिक है। रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध GST संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा, जो आठ प्रतिशत की वृद्धि है।
वित्तीय परामर्श कंपनी डेलॉइट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने त्योहारी सीजन की बिक्री और अनुपालन में वृद्धि को GST संग्रह में इस उछाल का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि घरेलू आपूर्ति में वृद्धि से राजस्व में यह बढ़ोतरी हुई है। अधिकांश बड़े राज्यों ने 9 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है, जबकि कुछ छोटे राज्यों में औसत से कम वृद्धि देखी गई है, जो उन राज्यों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
हालांकि, ईवाई टैक्स के पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने मासिक GST संग्रह में एकल अंक की वृद्धि को अर्थव्यवस्था में ठहराव के संकेत के रूप में देखा। उन्होंने कहा कि यह भारत में उपभोक्ता खर्च में संभावित मंदी को दर्शाता है, जो पिछले वित्त वर्ष में उच्च स्तर पर था। उनके अनुसार, अगर आने वाले महीनों में यह मंदी जारी रहती है, तो यह राजस्व संग्रह पर भी असर डाल सकती है।
अक्टूबर 2024 के दौरान आयात पर GST संग्रह लगभग चार प्रतिशत बढ़कर 45,096 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। घरेलू लेनदेन से GST संग्रह में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 1.42 लाख करोड़ रुपये रहा। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि घरेलू बाजार की मजबूत स्थिति और बढ़ते अनुपालन ने GST संग्रह को बढ़ावा दिया है।
GST संग्रह में इस वृद्धि से सरकार को राजस्व संग्रह के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह त्योहारी सीजन में आर्थिक गतिविधियों के तेज होने और व्यापार के अनुकूल माहौल का संकेत भी देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अनुपालन और घरेलू लेनदेन में सुधार की यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो आगामी महीनों में भी GST संग्रह मजबूत बना रह सकता है।