मनीषा शर्मा। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने झुंझुनूं जिले के गोठड़ा गांव (नवलगढ़) में आयोजित किसान सभा के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, “जो लोग बाथरूम में कॉकरोच से डरते हैं, वे एसडीएम, डिप्टी, कलेक्टर और एसपी बन जाते हैं। वहीं जो सांप-गोहरों के बिलों में हाथ डालते हैं, वे 10वीं में ही फेल हो जाते हैं।” यह सभा श्री सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ स्थानीय किसानों और ग्रामीणों द्वारा आयोजित की गई थी। गुढ़ा ने सभा में किसानों को समर्थन देते हुए रोजगार, पर्यावरण और अन्य स्थानीय मुद्दों पर सवाल उठाए।
प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली, फिर भी हुई सभा
किसान सभा के लिए गोठड़ा गांव में श्री सीमेंट फैक्ट्री के पास 5 जनवरी को प्रदर्शन की अनुमति मांगी गई थी, जिसे एसडीएम जय सिंह ने निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री के 300 मीटर के दायरे में प्रदर्शन, धरना और नारेबाजी पर स्थायी निषेधाज्ञा लागू है। यह आदेश 14 अगस्त 2024 को सीनियर सिविल न्यायाधीश नवलगढ़ द्वारा जारी किया गया था। एसडीएम ने चेतावनी दी कि आदेश की अवहेलना करने पर कानूनी कार्रवाई होगी। इसके बावजूद, किसान सभा आयोजित की गई और पूर्व मंत्री गुढ़ा इसमें शामिल हुए। सभा के दौरान गुढ़ा ने भीड़ की तरफ इशारा कर कहा, “ये लोग सांप के बिल में हाथ डालने वाले हैं।” वहीं अधिकारियों की ओर इशारा करते हुए कहा, “उधर कॉकरोच से डरने वाले लोग हैं। ये लड़ाई हो गई तब क्या होगा।”
सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन पर गंभीर आरोप
राजेंद्र गुढ़ा ने श्री सीमेंट फैक्ट्री के प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने जिंदा गायों को मिट्टी में दफनाया है। उन्होंने कहा, “गायों की आह खून मांग रही है। गोठड़ा की धरती पर खून गिरेगा, तब किसानों को न्याय मिलेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन कई साल से चल रहा है और श्री सीमेंट के प्रबंधन ने किसानों की समस्याओं का समाधान करने का वादा किया है। किसानों ने प्रबंधन को 26 जनवरी तक का समय दिया है। इस दौरान जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। यदि समाधान नहीं हुआ, तो “इनका स्वागत जैसा ये चाहेंगे, वैसे किया जाएगा।”
तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद हालात काबू में
सभा के दौरान पुलिस और प्रशासन के बीच तनातनी की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि प्रशासन ने संयम दिखाते हुए स्थिति को नियंत्रण में रखा। सभा के दौरान बड़ी संख्या में किसान और स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।
किसानों की मांगें और आंदोलन का भविष्य
किसानों की प्रमुख मांगें हैं:
- स्थानीय रोजगार: सीमेंट फैक्ट्री में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए।
- पर्यावरण संरक्षण: फैक्ट्री से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए।
- वादा पूरा करें: प्रबंधन द्वारा किए गए वादों को लागू किया जाए।
गुढ़ा ने कहा कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और उग्र होगा।