शोभना शर्मा, अजमेर । आज के दौर में आर्थिक सुरक्षा को लेकर हर व्यक्ति को सावधान रहने की जरूरत है, खासकर उम्र के उस पड़ाव पर जब शारीरिक रूप से काम करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, सरकार ने रिटायरमेंट के बाद लोगों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण योजना है एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम)। एनपीएस योजना बुज़ुर्गों के लिए एक ऐसी योजना है जो बुढ़ापे में वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना में निवेश करके आप रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त राशि और मासिक पेंशन का इंतज़ाम कर सकते हैं।
एनपीएस में दो प्रकार के खाते होते हैं – टियर 1 और टियर 2। टियर 1 खाता मुख्य रिटायरमेंट अकाउंट है जिसमें निवेश अनिवार्य है, जबकि टियर 2 एक वॉलंटरी अकाउंट है जिसमें निवेश की कोई बाध्यता नहीं है। इस स्कीम में किए गए निवेश का 60% हिस्सा रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त निकाला जा सकता है, जबकि बाकी 40% हिस्से को एन्युटी (मासिक पेंशन) के लिए उपयोग किया जाता है।
हालांकि, अगर एनपीएस खाता फ्रीज़ हो जाए, तो इससे निवेशक को परेशानी हो सकती है। यहां हम आपको बताएंगे कि किन कारणों से खाता फ्रीज़ हो सकता है और इसे दोबारा एक्टिव कैसे किया जा सकता है।
एनपीएस खाता फ्रीज़ होने के कारण:
एनपीएस का टियर 1 खाता खुलवाने के लिए प्रारंभिक 500 रुपये का निवेश करना जरूरी होता है, और इसके बाद टियर 2 खाते के लिए 1000 रुपये का निवेश आवश्यक है। इसके अलावा, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एक न्यूनतम राशि जमा करनी होती है, वरना खाता फ्रीज़ हो सकता है। अगर आप किसी वित्तीय वर्ष में निर्धारित राशि नहीं जमा करते हैं तो खाता स्वतः ही फ्रीज़ या निष्क्रिय हो जाता है।
फ्रीज़ एनपीएस खाते को फिर से सक्रिय कैसे करें:
फ्रीज़ एनपीएस खाते को रिएक्टिवेट करना बहुत आसान है। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
- फॉर्म UOS-S10-A भरें: खाता दोबारा एक्टिवेट कराने के लिए आपको UOS-S10-A फॉर्म भरना होता है। यह फॉर्म आपको पोस्ट ऑफिस से या उस संस्था से मिल सकता है जहाँ आपका एनपीएस खाता है। इसके अलावा, आप इसे ऑनलाइन भी डाउनलोड कर सकते हैं। डाउनलोड लिंक: UOS-S10-A फॉर्म
- आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें: फॉर्म के साथ, सब्सक्राइबर को अपने PRAN कार्ड की कॉपी भी संलग्न करनी होती है।
- बकाया राशि और पेनाल्टी का भुगतान करें: फ्रीज़ अकाउंट को एक्टिवेट करने के लिए आपको सालाना कंट्रीब्यूशन की बकाया राशि के साथ-साथ 100 रुपये की पेनाल्टी भी जमा करनी होती है।
- एप्लिकेशन का वेरिफिकेशन: जब आप फॉर्म और अन्य जरूरी दस्तावेज़ संबंधित ऑफिस में जमा कर देते हैं, तब वहां के अधिकारी आपके अकाउंट का वेरिफिकेशन करते हैं। इसके बाद एप्लिकेशन प्रोसेस होती है और आपका खाता रिएक्टिवेट हो जाता है।
एनपीएस में निवेश के फायदे:
एनपीएस न केवल रिटायरमेंट के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि यह टैक्स सेविंग का एक अच्छा विकल्प भी है। सेक्शन 80C के तहत निवेशकों को 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट मिलती है, साथ ही सेक्शन 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये की छूट भी मिलती है।
इसके अतिरिक्त, एनपीएस मार्केट आधारित योजना होने के कारण इसका रिटर्न भी बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है। इसका मतलब है कि निवेशक को बेहतर रिटर्न की संभावना होती है, जो कि उसे सुरक्षित आर्थिक भविष्य के लिए मदद कर सकता है।
एनपीएस योजना कैसे करती है काम?
एनपीएस में निवेश की गई राशि को प्रोफेशनल मैनेजर्स द्वारा निवेशित किया जाता है जो विभिन्न निवेश विकल्पों जैसे कि सरकारी बांड, इक्विटी, और कॉर्पोरेट डेट में निवेश करते हैं। निवेशक अपने हिसाब से निवेश की स्ट्रेटजी चुन सकते हैं और समय-समय पर इसे बदल भी सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें:
- एनपीएस खाता फ्रीज़ होने से बचने के लिए नियमित रूप से खाते में आवश्यक न्यूनतम राशि जमा करें।
- अगर कभी खाता फ्रीज़ हो जाए, तो UOS-S10-A फॉर्म का उपयोग कर इसे फिर से एक्टिवेट करें।
- निवेश से पहले अच्छी तरह समझ लें कि एनपीएस एक मार्केट आधारित योजना है और इसका रिटर्न बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है।
इस प्रकार, एनपीएस योजना बुजुर्गों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से सक्षम बनाती है और उन्हें दूसरों पर निर्भर रहने से बचाती है। फ्रीज़ अकाउंट को दोबारा एक्टिवेट करवा कर आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं और अपने बुढ़ापे को सुरक्षित बना सकते हैं।