शोभना शर्मा। क्रेडिट स्कोर यानी Cibil स्कोर आजकल की आर्थिक दुनिया में बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। यह एक तीन अंकों का नंबर होता है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिटवर्थिनेस को दर्शाता है। 300 से 900 के बीच का Cibil स्कोर आपको मिलता है, जिसमें 750 या उससे अधिक का स्कोर एक अच्छा स्कोर माना जाता है। इस स्कोर के आधार पर बैंक और वित्तीय संस्थान आपको लोन और क्रेडिट कार्ड प्रदान करते हैं। लेकिन Cibil स्कोर कम होने की वजह से आपको कई वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
Cibil स्कोर पर हार्ड और सॉफ्ट इंक्वायरी का असर
लोगों में एक भ्रम यह भी है कि बार-बार Cibil स्कोर चेक करने से स्कोर कम हो जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है। आपको हार्ड इंक्वायरी और सॉफ्ट इंक्वायरी का फर्क समझना होगा। जब आप खुद अपना Cibil स्कोर चेक करते हैं, तो इसे “सॉफ्ट इंक्वायरी” कहा जाता है। यह आपके स्कोर को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन जब कोई बैंक या वित्तीय संस्थान आपके क्रेडिट स्कोर को चेक करता है, तो इसे “हार्ड इंक्वायरी” कहा जाता है। हार्ड इंक्वायरी आपके Cibil स्कोर को कुछ पॉइंट्स से घटा सकती है।
RBI का नया नियम और हार्ड इंक्वायरी का बढ़ता असर
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Cibil स्कोर के अपडेट और हार्ड इंक्वायरी के संबंध में नए नियम लागू किए हैं। अब हर 15 दिन में ग्राहकों का Cibil स्कोर अपडेट किया जाएगा। इसका मतलब है कि महीने की 15 तारीख और महीने के अंत में Cibil स्कोर अपडेट होगा। इससे आपका स्कोर ज्यादा सटीक और समय पर अपडेट हो सकेगा। लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि अगर कोई बैंक या वित्तीय संस्थान बार-बार आपकी क्रेडिट हिस्ट्री चेक करता है, तो इससे आपके Cibil स्कोर पर पहले से ज्यादा असर पड़ सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं।
Cibil स्कोर गिरने की अन्य वजहें
Cibil स्कोर में गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम कारण तो यही है कि लोन या क्रेडिट कार्ड के बिलों का समय पर भुगतान नहीं करना। इसके अलावा, क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो गड़बड़ होना, कम समय में कई बार लोन के लिए आवेदन करना, लोन सेटलमेंट करना, और किसी ऐसे व्यक्ति का गारंटर बनना जो समय पर लोन न चुका पाए, भी आपके Cibil स्कोर को प्रभावित कर सकते हैं।
Cibil स्कोर को गिरने से कैसे बचाएं
- लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार आवेदन न करें: हर बार जब आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो आपके स्कोर पर हार्ड इंक्वायरी होती है। इससे बचने के लिए सोच-समझकर और जरूरत पड़ने पर ही आवेदन करें।
- Cibil स्कोर को मॉनिटर करें: अपने Cibil स्कोर को नियमित रूप से मॉनिटर करें, लेकिन इसके लिए Cibil की आधिकारिक वेबसाइट या RBI द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान का ही इस्तेमाल करें।
- क्रेडिट हिस्ट्री को सुधारें: समय पर लोन और क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान करके आप अपने Cibil स्कोर को बेहतर बना सकते हैं। इसके अलावा, अपने क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो को भी कम रखें और उसे 30% के नीचे रखने की कोशिश करें।
Cibil स्कोर का महत्व आज के समय में बहुत बढ़ गया है। इसे गिरने से बचाने के लिए आपको सही वित्तीय योजनाएं बनानी होंगी और जिम्मेदारी से अपने क्रेडिट का उपयोग करना होगा। RBI के नए नियमों के तहत अब आपके Cibil स्कोर का अपडेट तेजी से होगा, लेकिन इसके साथ ही हार्ड इंक्वायरी का असर भी ज्यादा पड़ सकता है। इसलिए, समझदारी से काम लें और अपने क्रेडिट स्कोर को सुरक्षित रखें।