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राजस्थान पुलिस में मानवाधिकार प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न

राजस्थान पुलिस में मानवाधिकार प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न

मनीषा शर्मा। महानिदेशक पुलिस, राजस्थान (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू ने कहा कि आमजन के मानवाधिकारों का संरक्षण और मानवाधिकारों कानूनों पर अमल करना पुलिस बल की जिम्मेदारी है। पुलिस अधिकारी मानवाधिकारों के सम्बंध में अर्जित नवीन ज्ञान को आत्मसात कर न केवल इसे फील्ड में अपनाए बल्कि इसे अपने अधीनस्थों के साथ साझा करते हुए कार्यक्षेत्र में अपनाएं।

डीजीपी साहू शनिवार को राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राजस्थान पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में ह्यूमन राइट्स से जुड़े विषयों पर प्रदेश के पुलिस ऑफिसर्स के दो दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एनएचआरसी के इस विशेष प्रोग्राम के जरिए जो अपडेटेड जानकारी पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में आई है, उस पर खुले दिमाग और खुले मन से अमल करे, इससे आयोजन का मूल मकसद साकार सकेगा।

एनएचआरसी की पहल पर देशभर में इंटरेक्टिव कार्यक्रम—

समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए एनएचआरसी डीजी (इंवेस्टिगेशन) अजय भटनागर ने कहा कि आयोग ने एक नया ट्रेंड शुरू किया है, जिसके तहत राष्ट्रीय पुलिस अकादमी से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में ऐसे इंटरेक्टिव कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। उन्होने कहा कि इनके माध्यम से पुलिस अधिकारियों को मानवाधिकार, मानवाधिकार कानून और एनएचआरसी की कार्य प्रणाली के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे ‘प्रिवेंटिव एस्पेक्ट्स’ पर फोकस कर सके। उन्होंने जयपुर में इस कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए डीजीपी साहू का आभार व्यक्त करते हुए राजस्थान पुलिस की टीम को बधाई दी। उन्होंने मानवाधिकार आयोग की ओर से डीजीपी साहू सहित राजस्थान पुलिस के वरिष्ठ एवं आयोजन से जुड़े अधिकारियों को स्मृति चिह्न भी प्रदान किए।

नये आयाम जानने का अवसर—

इस मौके पर डीजीपी साइबर अपराध एवं एससीआरबी हेमंत प्रियदर्शी ने कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम को सारगर्भित बताते हुए कहा कि इससे पुलिस अधिकारियों को मानवाधिकार के नए आयामों को समझने और सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है। वेलेडिक्ट्री कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक, राजस्थान उत्कल रंजन साहू, एनएचआरसी के डीजी (इंवेस्टिगेशन) अजय भटनागर, डीजीपी साइबर अपराधश्री हेमंत प्रियदर्शी, एडीजी सिविल राइट्स एवं एएचटी मालिनी अग्रवाल, एडीजी (ट्रेनिंग) अशोक राठौड़ एवं एडीजी तथा आरपीए के निदेशक एस सेंगाथिर ने इस कार्यक्रम के प्रतिभागी पुलिस अधिकारियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए। इस दौरान एडीजी भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड बिपिन कुमार पांडे, आईजी सिविल राइट्स जयनारायण एवं डीआईजी डॉ. रवि सहित आईजी, डीआईजी और एसपी स्तर के अधिकारियों सहित एएसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर और प्रशिक्षु पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। आईजी सिविल राइट्स जयनारायण ने सभी का आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डीआईजी दीपक भार्गव ने किया। एनएचआरसी के डिप्टी एसपी दुष्यंत सिंह ने प्रोग्राम की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

अंतिम दिन आयोजित हुए तीन सेशन—

इससे पहले प्रोग्राम के दूसरे और अंतिम दिन तीन विशेष सत्र हुए। इन सेशंष में एनएचआरसी के डीजी (इंवेस्टिगेशन) अजय भटनागर ने ह्यूमन राइट्स एंड एथिकल डिलेमा इन पुलिसिंग, एनएचआरसी के रजिस्ट्रार (लॉ) जोगिंदर सिंह, मानवाधिकार आयोग में राजस्थान के प्रकरण तथा एडीजी सिविल राइट्स एवं एएचटी मालिनी अग्रवाल के साथ साइकोलॉजिस्ट शिवानी साधू ने ह्यूमन राइट्स ऑफ वूमन विद स्पेशल एम्फेसिस ऑन डोमेस्टिक वायलेंस पर प्रस्तुतीकरण दिए।

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