शोभना शर्मा। दौसा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार जगमोहन मीणा की हार के बाद उनके भाई और भाजपा विधायक डॉ. किरोड़ी मीणा ने एक भावुक बयान जारी किया। उन्होंने लिखा, “मुझे सदा अपनों ने ही मारा है, गैरों में कहां दम था।” यह बयान उनके दिल की गहराई से निकले दुख और आहत मन की झलक दिखाता है।
डॉ. किरोड़ी मीणा ने कहा कि उन्होंने 45 साल के राजनीतिक जीवन में हर वर्ग के लिए संघर्ष किया। जनता के हित में सैकड़ों आंदोलन किए और पुलिस की बर्बरता भी झेली। वह कई बार जेल गए, लेकिन संघर्ष का जज्बा कभी खत्म नहीं हुआ। उन्होंने दौसा उपचुनाव को भी जनता की सेवा के इसी उद्देश्य से लड़ा था।
उन्होंने आरोप लगाया कि “भितरघातियों” ने उनकी हार सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि उनके भाई जगमोहन पर लक्ष्मण जैसे भाई के रूप में भरोसा किया, लेकिन कुछ लोगों ने इस विश्वास को छलनी कर दिया। उनके अनुसार, “भितरघाती मेरे सीने में बाणों की वर्षा कर देते तो मैं सह लेता, लेकिन उन्होंने मेघनाथ की तरह शक्ति का बाण मेरे भाई पर चला दिया।”
डॉ. मीणा ने यह भी कहा कि उन्हें चाटुकारिता न करने की आदत ने हमेशा नुकसान पहुंचाया। हालांकि, हार के बावजूद वह संघर्ष के रास्ते पर डटे रहने का वादा करते हैं। उन्होंने कहा कि वह गरीब, मजदूर और किसानों की सेवा के व्रत को कभी नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि जिस भाई ने जीवनभर उनका साथ दिया, उसकी हार ने उनके दिल को गहरा आघात दिया है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस पराजय ने उन्हें एक सबक जरूर सिखाया है, लेकिन वह इससे विचलित नहीं होंगे।
डॉ. किरोड़ी मीणा के इस बयान से स्पष्ट है कि दौसा उपचुनाव का नतीजा उनके लिए व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों रूप से झटका साबित हुआ है। उनकी इस हार को वह अपनों की साजिश मानते हैं, जो उनके संघर्षशील जीवन की एक और परीक्षा बनकर सामने आई है।