मनीषा शर्मा । राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। इस बार कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में उनका अपमान हुआ था और अब भाजपा की सरकार में भी वही हो रहा है। उन्होंने सरकार पर इशारों-इशारों में आरोप लगाते हुए कहा कि हां में हां मिलाने वालों को ही सत्ता में महत्व दिया जाता है, लेकिन वे किसी के आगे झुकने वाले नहीं हैं।
“मेरी हां में हां कहने की आदत नहीं है। मैं जो कहता हूं, सच कहता हूं।”
किरोड़ीलाल मीणा ने इस बयान के जरिए यह स्पष्ट कर दिया कि वे किसी भी अन्याय या भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे, चाहे वह उनकी ही पार्टी की सरकार क्यों न हो। उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले पांच वर्षों में राजस्थान में विपक्ष की भूमिका उन्होंने अकेले निभाई थी और उनके संघर्ष के कारण ही भाजपा सत्ता में वापस आई।
भ्रष्टाचार और बीसलपुर बांध विवाद पर तीखी टिप्पणी
किरोड़ीलाल मीणा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि बीसलपुर बांध से गाद निकालने के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ढाई सौ किलोमीटर तक गाद की जगह बजरी निकाली जा रही है, जिससे रोजाना सात करोड़ रुपये की अवैध कमाई हो रही है।
“हमारी आंखों के सामने यह सब हो रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही,” उन्होंने यह बयान देकर राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया।
उनके इस बयान ने यह संकेत दिया कि वे अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।
पेपर लीक और माफिया पर कार्रवाई को लेकर सरकार की सफाई
कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने किरोड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार माफिया पर नकेल कसने का पूरा प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पेपर लीक मामले में सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है और दोषियों को जेल भेजा गया है।
“जिन परीक्षाओं में कांग्रेस शासन के दौरान भ्रष्टाचार हुआ था, उन पर हमने सख्त कार्रवाई की है,” जोगाराम पटेल ने इस तरह सरकार की छवि सुधारने का प्रयास किया।
सचिन पायलट ने किया तंज, बोले- किरोड़ी दुविधा में हैं
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने किरोड़ी मीणा की स्थिति पर चुटकी लेते हुए कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से किरोड़ी लगातार दुविधा में नजर आ रहे हैं।
“विपक्ष में रहते हुए उन्होंने मेहनत की थी, लेकिन उसके अनुपात में उन्हें न कोई बड़ा पद मिला, न ही कोई प्रभावी विभाग। उनका इस्तीफा न तो स्वीकार किया गया और न ही रिजेक्ट। उनके साथ जो हो रहा है, वह उनसे ही पूछना बेहतर रहेगा।”
पायलट ने यह भी कहा कि किरोड़ी ने कई अहम मुद्दे उठाए, जैसे कि SI भर्ती और ERCP (Eastern Rajasthan Canal Project), लेकिन उनकी आवाज को सरकार में कितना सुना गया, यह सवाल उठता है।
क्या भाजपा सरकार में किरोड़ीलाल मीणा की अनदेखी हो रही है?
राजस्थान की राजनीति में किरोड़ीलाल मीणा एक बड़ा नाम हैं। उनकी छवि एक संघर्षशील और बेबाक नेता की रही है। वे अपने ओजस्वी भाषणों और बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं।
लेकिन भाजपा की मौजूदा सरकार में उनकी स्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
- क्या वाकई उनकी उपेक्षा की जा रही है?
- क्या वे अपने विभाग में स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहे?
- क्या उन्हें पार्टी में मनमुताबिक सम्मान नहीं मिल रहा?
उनके हालिया बयानों से यह स्पष्ट होता है कि वे सरकार की नीतियों से संतुष्ट नहीं हैं और उनका असंतोष अब सार्वजनिक रूप से दिखने लगा है।