latest-newsजयपुरराजनीतिराजस्थान

‘बंटोगे तो कटोगे’ पर सियासी संग्राम, मदन राठौड़ ने कांग्रेस पर साधा निशाना

‘बंटोगे तो कटोगे’ पर सियासी संग्राम, मदन राठौड़ ने कांग्रेस पर साधा निशाना

शोभना शर्मा।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चर्चित नारा ‘बंटोगे तो कटोगे’ हरियाणा के बाद झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भी चर्चा का विषय बन गया है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस नारे पर आपत्ति जताते हुए इसे समाज को बांटने वाला बयान बताया। गहलोत ने चुनाव आयोग से भी सवाल उठाया कि ‘एक रहोगे तो सेफ रहोगे’ जैसे नारे पर कोई रोक क्यों नहीं लगाई गई। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने शनिवार को गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पर तुष्टिकरण और विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस को ‘एक रहोगे तो सेफ रहोगे’ से ऐतराज है, तो इसका मतलब उन्हें एकता से परेशानी है।”

मदन राठौड़ का कांग्रेस पर पलटवार

मदन राठौड़ ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा, “देश को बांटने का काम कांग्रेस ने किया है। आजादी से पहले भी कांग्रेस ने धर्म के आधार पर विभाजन की राजनीति की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 140 करोड़ देशवासियों को परिवार माना है। कांग्रेस को इससे दिक्कत है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा नारा ‘एक रहोगे तो सेफ रहोगे’ देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। कांग्रेस इस नारे से असहज महसूस कर रही है, क्योंकि वह तुष्टिकरण की राजनीति में विश्वास करती है।”

तुष्टिकरण की राजनीति’ पर बीजेपी का हमला

मदन राठौड़ ने गहलोत के तुष्टिकरण की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा धर्म और जाति के आधार पर राजनीति की है। “गहलोत ने कभी उन बयानों पर आपत्ति नहीं जताई, जो समाज में तनाव फैलाते हैं। कांग्रेस का उद्देश्य हमेशा समाज में विभाजन पैदा करना रहा है।”

उन्होंने कहा कि भाजपा समाज को जोड़ने की राजनीति करती है, जबकि कांग्रेस इसका उलटा करती है।

नरेश मीणा थप्पड़कांड पर प्रतिक्रिया

देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना पर मदन राठौड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। किसी भी जनप्रतिनिधि को अपनी शिकायत अधिकारियों के माध्यम से दर्ज करनी चाहिए, न कि अनुशासनहीनता का प्रदर्शन करना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि नरेश मीणा को संयम और मर्यादा बनाए रखने की जरूरत है। “राजनीति में आगे बढ़ने के लिए अनुशासन महत्वपूर्ण है। इस घटना ने गलत संदेश दिया है।”

चुनावी नारे और उनका असर

हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे ने सियासत को गर्मा दिया है। भाजपा इस नारे को एकता और सुरक्षा के संदर्भ में देखती है, जबकि कांग्रेस इसे विभाजनकारी करार दे रही है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस नारे को हरियाणा चुनाव में इस्तेमाल किया, जहां भाजपा ने इसे एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया। अब यह नारा झारखंड और महाराष्ट्र में भी भाजपा की रणनीति का हिस्सा बन रहा है।

विश्लेषण और निष्कर्ष

चुनावी नारों का समाज और राजनीति पर गहरा असर होता है। ‘बंटोगे तो कटोगे’ और ‘एक रहोगे तो सेफ रहोगे’ जैसे नारे देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिए गए हैं, लेकिन विपक्ष इन नारों को विभाजनकारी मान रहा है।

बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर बहस जारी है। जहां बीजेपी इसे अपनी राजनीति की मजबूती मानती है, वहीं कांग्रेस इसे अपने सिद्धांतों के खिलाफ देखती है।

चुनावों के दौरान ऐसे नारों का प्रभाव जनता पर कितना पड़ता है, यह नतीजों के बाद ही साफ हो पाएगा।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading