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DigiYatra डेटा से टैक्स चोरों पर शिकंजा? आयकर विभाग ने दी सफाई

DigiYatra डेटा से टैक्स चोरों पर शिकंजा? आयकर विभाग ने दी सफाई

शोभना शर्मा।  पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और न्यूज प्लेटफॉर्म पर यह खबर तेजी से वायरल हो रही थी कि इनकम टैक्स विभाग टैक्स चोरी करने वालों को पकड़ने के लिए DigiYatra ऐप के डेटा का इस्तेमाल कर रहा है। इस खबर ने कई लोगों के बीच भ्रम पैदा किया, लेकिन अब इनकम टैक्स विभाग ने इसे लेकर पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी है। आयकर विभाग ने इन दावों को पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा है कि टैक्स चोरी पर नजर रखने के लिए DigiYatra ऐप का डेटा इस्तेमाल करने की कोई योजना नहीं है। इस खबर ने सोशल मीडिया पर लोगों के बीच उत्सुकता और चिंता का माहौल पैदा किया था, लेकिन अब विभाग ने इसे खारिज कर दिया है।

आयकर विभाग की आधिकारिक सफाई

इनकम टैक्स विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “कुछ समाचार लेखों में कहा जा रहा है कि टैक्स चोरों को पकड़ने के लिए DigiYatra ऐप के डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा। इस संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसा कोई कदम इनकम टैक्स विभाग द्वारा नहीं उठाया गया है।” आयकर विभाग ने आगे कहा कि इस तरह की भ्रामक खबरों पर विश्वास न करें और केवल आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी लें।

DigiYatra ऐप क्या है?

DigiYatra ऐप को भारतीय नागरिकों के हवाई सफर को आसान और डिजिटल बनाने के लिए लॉन्च किया गया था। यह एक फेशियल रिकग्निशन तकनीक पर आधारित ऐप है, जिसका उद्देश्य यात्रियों को बिना किसी दस्तावेज के एयरपोर्ट पर आसानी से एंट्री दिलाना है। इसके जरिए यात्री अपने बोर्डिंग पास की स्कैनिंग, पहचान पत्र की जांच, और चेक-इन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल कर सकते हैं। DigiYatra ऐप का इस्तेमाल यात्रियों की सुविधा के लिए किया जाता है और इसका उद्देश्य सुरक्षा और ट्रैवल अनुभव को बेहतर बनाना है। हालांकि, टैक्स चोरी जैसी किसी भी गतिविधि पर नजर रखने के लिए इसका उपयोग नहीं किया जा रहा।

कैसे फैली यह खबर?

यह अफवाह तब फैलनी शुरू हुई जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि DigiYatra ऐप के डेटा का इस्तेमाल टैक्स चोरों को पकड़ने के लिए किया जाएगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और व्हाट्सऐप पर यह खबर वायरल हो गई, जिसके बाद लोगों के बीच इसे लेकर सवाल उठने लगे।

आयकर विभाग की अपील

आयकर विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर फैलाई जा रही ऐसी भ्रामक खबरों पर भरोसा न करें। उन्होंने कहा है कि कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या सोशल मीडिया अकाउंट्स का ही सहारा लें। आयकर विभाग ने अपने बयान में यह भी कहा है कि किसी भी प्रकार के झूठे और भ्रामक दावों से बचने के लिए जागरूकता जरूरी है।

सोशल मीडिया पर आयकर विभाग का रुख

सोशल मीडिया पर आयकर विभाग का यह बयान वायरल हो रहा है, और लोगों ने इसे सकारात्मक कदम बताया है। ऐसे समय में, जब भ्रामक खबरें तेजी से फैलती हैं, आयकर विभाग का यह स्पष्टीकरण एक राहत की खबर है।

भविष्य में क्या हो सकता है?

भले ही इस समय आयकर विभाग DigiYatra ऐप के डेटा का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, लेकिन डिजिटल माध्यमों के बढ़ते उपयोग को देखते हुए भविष्य में ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं। हालांकि, सरकार को इस दिशा में कदम उठाने से पहले नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना होगा।

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