मनीषा शर्मा। जयपुर में टेंट कारोबारी और इवेंट कंपनियों से जुड़े व्यापारियों पर इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी की कार्रवाई रविवार को समाप्त हो गई। इस छापेमारी के दौरान 9.65 करोड़ रुपए नकद, 12.61 किलो सोना-चांदी और टैक्स चोरी से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए। इस कार्रवाई ने राजस्थान में पहली बार क्रिप्टोकरेंसी खाता पकड़ने का मामला भी उजागर किया है।
टेंट और इवेंट कारोबारियों पर कार्रवाई
आयकर विभाग की यह छापेमारी गुरुवार सुबह 7:30 बजे से शुरू हुई थी, जिसमें जयपुर के प्रमुख टेंट हाउस, इवेंट कंपनियों और वेडिंग प्लानर्स के 22 ठिकानों पर जांच की गई। इनमें तालुका टेंट हाउस, जय ओबराय कैटर्स, मेपसोर, भावना चारण और आनंद खंडेलवाल के कार्यालय शामिल थे।
इन कंपनियों और व्यापारियों पर आरोप है कि वे लग्जरी शादियों और डेस्टिनेशन वेडिंग्स के आयोजन के दौरान जीएसटी और आयकर भुगतान से बचते थे। जांच में पता चला कि ये कंपनियां ग्राहकों से सेवाओं के लिए मनमाने दाम वसूल रही थीं और बिलिंग राशि का एक बड़ा हिस्सा नकद में लेती थीं।
पहली बार क्रिप्टोकरेंसी खाता पकड़ा गया
आयकर अधिकारियों ने इस छापेमारी के दौरान एक क्रिप्टोकरेंसी खाता भी पकड़ा। राजस्थान में यह पहला मामला है जब किसी करदाता के यहां क्रिप्टोकरेंसी खाता जब्त किया गया है। संबंधित करदाता ने खाते का पासवर्ड देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद अधिकारियों ने खाते को फ्रीज करने का आदेश जारी किया।
कैश और सोने-चांदी का बड़ा जखीरा मिला
इस छापेमारी में 9.65 करोड़ रुपए नकद और 12.61 किलो सोने-चांदी के गहने जब्त किए गए। इन गहनों की कुल कीमत 10.25 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसके अलावा, विभागीय अधिकारियों ने नकद लेनदेन और फर्जी बिलिंग से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए।
गुप्त समझौते और टैक्स चोरी का खुलासा
इस कार्रवाई के दौरान पता चला कि टेंट हाउस, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों, कैटरर्स, होटल संचालकों, और अन्य सेवा प्रदाताओं के बीच गुप्त समझौते थे। ये सभी मिलकर सेवाओं का मूल्यांकन कम दिखाते थे और सरकार को जीएसटी व आयकर का नुकसान पहुंचाते थे।
इन व्यापारियों के बीच यह तय होता था कि कुल राशि का एक बड़ा हिस्सा नकद में लिया जाए, और केवल 25 फीसदी ही बिल में दिखाया जाए। नकद राशि को खपाने और बैंकिंग चैनलों के जरिए वैध बनाने के लिए फर्जी खातों का इस्तेमाल किया जाता था।
लग्जरी शादियों में जीएसटी चोरी का मामला
जांच में सामने आया कि ये कंपनियां लग्जरी शादियों और डेस्टिनेशन वेडिंग्स में बड़े पैमाने पर सेवाएं देती थीं। इनमें कैटरिंग, डेकोरेशन, फ्लोरिस्ट और अन्य सेवाएं शामिल थीं। इन सेवाओं के लिए ग्राहकों से भारी रकम वसूली जाती थी, लेकिन सरकार को कर का पूरा भुगतान नहीं किया जाता था।
आयकर विभाग की सख्ती जारी
आयकर विभाग ने जयपुर के विभिन्न ठिकानों पर यह छापेमारी की। रविवार देर रात तक तालुका टेंट हाउस के संचालक राजकुमार तालुका, मेपसोर एक्सपेरिएंटल वेडिंग के मुकेश शर्मा और इंडियन वेडिंग प्लानर के आनंद खंडेलवाल के कार्यालयों पर जांच जारी रही।
फर्जी खातों का इस्तेमाल
जांच में यह भी सामने आया कि नकद राशि को बैंक खातों के माध्यम से सफेद करने के लिए फर्जी खातों का उपयोग किया जा रहा था। इन खातों के जरिए बड़ी धनराशि का लेनदेन किया गया, जिसका कोई वैध रिकॉर्ड नहीं था।