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अजमेर की सड़कों पर मवेशियों का बढ़ता जमावड़ा: हादसों की वजह

अजमेर की सड़कों पर मवेशियों का बढ़ता जमावड़ा: हादसों की वजह

शोभना शर्मा, अजमेर। शहर में पिछले कुछ समय से सड़कों पर मवेशियों की बढ़ती संख्या गंभीर समस्या बनती जा रही है। सड़कों के बीच में जगह-जगह मवेशियों का जमघट आम दृश्य हो गया है, जिससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वैशाली नगर, माकड़वाली रोड, शास्त्री नगर, बजरंगगढ़, रेलवे स्टेशन, और लोहागल रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों में यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

सड़क हादसों में बढ़ोतरी

सड़कों पर मवेशियों का समूह होने से वाहन चालकों के लिए दुर्घटनाएं आम बात हो गई हैं। मवेशियों के अचानक सड़क के बीच में आकर खड़े हो जाने से वाहन चालकों को समय पर प्रतिक्रिया करने का मौका नहीं मिलता। कई बार चालक ओवरटेक करने के प्रयास में मवेशियों से टकरा जाते हैं, जिससे गंभीर हादसे होते हैं। तेज गति में वाहन चलाते समय मवेशी अचानक सामने आ जाते हैं, और टक्कर की संभावना बढ़ जाती है। नतीजतन, वाहन चालक और मवेशी, दोनों घायल हो जाते हैं।

नगर निगम प्रशासन की अनदेखी

यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन अजमेर नगर निगम प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं कर पाया है। सड़कों पर मवेशियों की बढ़ती संख्या के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कांजी हाउस से मवेशी पकड़ने के लिए रोजाना वाहन वैशाली नगर, मदार गेट, रेलवे स्टेशन, लोहागल रोड जैसे इलाकों से गुजरते हैं, लेकिन मवेशियों को पकड़ने का काम केवल औपचारिकता रह गया है। सड़कों पर मवेशी बैठकर आराम कर रहे होते हैं, और प्रशासन उन्हें हटाने में असमर्थ नजर आता है।

पशुपालकों की जिम्मेदारी

अजमेर के कई क्षेत्रों, विशेष रूप से वैशाली नगर, पुष्कर रोड और माकड़वाली रोड, में अधिकतर पशुपालक रहते हैं। ये पशुपालक बरसात के मौसम में अपने मवेशियों से दूध निकालने के बाद उन्हें खुले में छोड़ देते हैं, जिससे वे दिन भर सड़कों पर घूमते रहते हैं। पशुओं के खुले में छोड़े जाने से न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि सड़क हादसों की संख्या भी बढ़ रही है। अजमेर नगर निगम द्वारा पशुपालकों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है।

आम जनता पर प्रभाव

मवेशियों के सड़कों पर होने से आम जनता को भी परेशानी हो रही है। सड़कों पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी यह स्थिति जोखिमभरी हो गई है, खासकर जब बड़े मवेशी अचानक चलने लगते हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरा और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा, मवेशियों के कारण यातायात जाम की समस्या भी बढ़ जाती है, जिससे कामकाजी लोगों को समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कत होती है।

मवेशियों के लिए खतरा

केवल वाहन चालक ही नहीं, बल्कि मवेशियों के लिए भी यह स्थिति जोखिमपूर्ण है। खुले में छोड़े गए मवेशी सड़कों पर चलने वाले तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आ जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है या वे घायल हो जाते हैं। कई मवेशी रात के समय वाहन दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं, क्योंकि सड़क पर अंधेरे में उन्हें देख पाना मुश्किल होता है।

संभावित समाधान

इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। नगर निगम को मवेशियों को सड़कों से हटाने के लिए नियमित रूप से अभियान चलाना चाहिए और पशुपालकों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। पशुपालकों को भी जागरूक करना होगा कि वे मवेशियों को सड़कों पर छोड़ने से बचें। इसके अलावा, कांजी हाउस की सेवाओं को और प्रभावी बनाया जाना चाहिए ताकि सड़कों पर मवेशियों की संख्या कम हो सके।

ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करके पशुपालकों को पाबंद करने और मवेशियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने से भी इस समस्या का समाधान हो सकता है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पशुपालक अपने मवेशियों का पंजीकरण कराएं और उन्हें खुले में न छोड़ें।

अजमेर शहर की सड़कों पर मवेशियों की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जिसका समाधान प्रशासन की तत्परता और पशुपालकों की जिम्मेदारी से ही संभव है। यदि नगर निगम जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाता, तो हादसों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है। प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस समस्या का समाधान करना होगा ताकि सड़क हादसों में कमी आए और शहर की सड़कों पर यातायात सुगम हो सके।

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