शोभना शर्मा। राजस्थान में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के साथ स्क्रब टायफस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन खासकर स्क्रब टायफस ने चिंता बढ़ा दी है। जयपुर में इस साल अब तक 178 स्क्रब टायफस के मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, एसएमएस अस्पताल में जनवरी से अगस्त तक 216 मामले सामने आ चुके हैं। विशेष चिंता का विषय यह है कि पिछले 10 दिनों में ही 133 नए केस दर्ज हुए हैं।
मौतों का आंकड़ा और स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट
एसएमएस अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में अब तक 133 स्क्रब टायफस के मामले दर्ज हुए, जिनमें से 3 मौतें भी हुई हैं। इस साल अब तक 6 लोगों की मौत इस बीमारी के कारण हो चुकी है। मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. सुधीर मेहता का कहना है कि मौसम स्क्रब टायफस के प्रसार के लिए अनुकूल है और गंभीर मामलों में मरीजों के फेफड़े और मस्तिष्क प्रभावित हो रहे हैं।
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में 9 सितंबर तक 1128 स्क्रब टायफस के मामले तो दर्ज हुए हैं, लेकिन मौतों का कोई उल्लेख नहीं है। आंकड़ों का यह विरोधाभास विभाग की मॉनिटरिंग प्रणाली पर सवाल उठाता है।
मॉनिटरिंग में सुधार की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर इलाज मिलने से स्क्रब टायफस से मरीजों की जान बचाई जा सकती है, लेकिन मॉनिटरिंग में देरी से स्थिति गंभीर हो सकती है। सही आंकड़े और मॉनिटरिंग की कमी से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को इस दिशा में सटीकता और पारदर्शिता बढ़ाने की जरूरत है ताकि सही समय पर उचित कदम उठाए जा सकें।