शोभना शर्मा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब भारतीय कंपनियों के लिए एक प्राथमिकता बन चुका है। लेकिन, इस नई तकनीक को अपनाने में कंपनियों को सबसे बड़ी बाधा कुशल टैलेंट की कमी के रूप में नजर आ रही है। LinkedIn की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की बड़ी कंपनियां AI टेक्नोलॉजी को अपनाने में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन उनके पास इस तकनीक को संभालने के लिए कुशल पेशेवरों की भारी कमी है।
AI टैलेंट की तलाश में कंपनियां
रिपोर्ट बताती है कि भारत में 54% HR पेशेवरों को यह समस्या हो रही है कि नौकरी के लिए आने वाले आवेदकों में सिर्फ आधे या उससे भी कम लोग ही जरूरी योग्यताओं पर खरे उतरते हैं। कंपनियों को तकनीकी स्किल (61%) और सॉफ्ट स्किल (57%) वाले उम्मीदवारों को खोजने में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है।
भारत में जिन स्किल्स की सबसे ज्यादा मांग है, वे हैं:
- सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और इंजीनियरिंग – 44%
- AI और मशीन लर्निंग स्किल्स – 34%
- कम्युनिकेशन और प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स – 33%
चयनात्मक भर्ती की ओर बढ़ती कंपनियां
AI टैलेंट की कमी के चलते कंपनियां अब “चयनात्मक भर्ती” (Selective Hiring) को अपनाने लगी हैं। LinkedIn की रिपोर्ट के अनुसार, 55% HR पेशेवर अब सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों से संपर्क कर रहे हैं, जो नौकरी के लिए तय 80% या उससे अधिक योग्यता मानदंड पूरे करते हैं।
कंपनियों के लिए असली चुनौती क्या है?
LinkedIn इंडिया की टैलेंट एंड लर्निंग सॉल्यूशंस हेड रुचि आनंद ने कहा कि, AI कंपनियों के काम करने के तरीकों को बदल रहा है, लेकिन असली चुनौती यह है कि कंपनियां AI को अपने बिजनेस में सही तरह से कैसे इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि कई कंपनियां AI टूल्स पर भारी निवेश करती हैं, लेकिन योग्य टैलेंट की कमी के कारण वे इनका पूरा फायदा नहीं उठा पातीं। उन्होंने सुझाव दिया कि कंपनियों को स्किल-ओरिएंटेड हायरिंग अपनाने की जरूरत है और रचनात्मकता, कम्युनिकेशन और कोलैबोरेशन जैसी मानवीय क्षमताओं को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।