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उद्योगपति और टाटा ग्रुप के मुखिया रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन

उद्योगपति और टाटा ग्रुप के मुखिया रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन

शोभना शर्मा।  भारत के मशहूर उद्योगपति और समाजसेवी रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। टाटा ग्रुप के मुखिया और दानवीर रतन नवल टाटा ने अपने जीवनकाल में अद्वितीय सफलता प्राप्त की और उन्हें पद्म विभूषण और पद्म भूषण जैसे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया गया। रतन टाटा न केवल एक उत्कृष्ट कारोबारी थे, बल्कि एक महान समाजसेवी भी थे, जिन्होंने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया।

रतन टाटा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

रतन नवल टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई के एक प्रतिष्ठित पारसी परिवार में हुआ। उनके पिता नवल टाटा और मां सूनी टाटा थीं। रतन टाटा ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन किया। अपने पारिवारिक बिजनेस की जिम्मेदारी उन्होंने बेहद कम उम्र में संभाल ली और 1962 में टाटा ग्रुप से जुड़ गए।

टाटा ग्रुप में रतन टाटा का योगदान

1991 में रतन टाटा को टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी Tata Sons का चेयरमैन नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई और भारतीय उद्योग जगत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनके कार्यकाल में कई प्रमुख सौदे और अधिग्रहण हुए, जिनमें से एक उल्लेखनीय है टाटा मोटर्स द्वारा जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण।

इसके अलावा, रतन टाटा ने टाटा स्टील द्वारा ब्रिटिश स्टील निर्माता कोरस का अधिग्रहण किया, जो भारतीय कंपनियों द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण था। टाटा ग्रुप के विभिन्न क्षेत्रों में फैले व्यापारिक साम्राज्य को रतन टाटा ने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी विस्तार दिया।

समाज सेवा और चैरिटी में योगदान

रतन टाटा को न केवल उद्योग जगत में बल्कि समाज सेवा और चैरिटी के क्षेत्र में भी उनके योगदान के लिए जाना जाता है। वह अपनी चैरिटी संस्थाओं के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास के लिए अनेकों प्रयासों में शामिल रहे। वह हमेशा से ही समाज के वंचित वर्ग के लिए काम करते रहे और उनके कार्यों ने लाखों लोगों के जीवन में सुधार किया।

एक सच्चे लीडर और प्रेरणा स्रोत

रतन टाटा को उनकी सादगी, ईमानदारी और समाज के प्रति उनकी वचनबद्धता के लिए जाना जाता है। वह न केवल एक बेहतरीन कारोबारी थे, बल्कि एक सच्चे लीडर और प्रेरणा स्रोत भी थे। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने नए आयाम छुए, और आज भी उनके विचार और आदर्श उद्योग जगत के लिए मार्गदर्शक हैं।

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