शोभना शर्मा। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘इंस्टाग्राम’ ने किशोरों के अनुभवों को अधिक सुरक्षित और अनुकूल बनाने के लिए नए “टीनएजर्स अकाउंट” पेश किए हैं। मेटा (इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी) ने इस नए विकल्प के तहत किशोरों के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनमें प्राइवेसी, नोटिफिकेशन और कंटेंट मॉडरेशन से संबंधित नए फीचर्स शामिल हैं। इन बदलावों का उद्देश्य किशोर उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित और नियंत्रित ऑनलाइन अनुभव प्रदान करना है, जिसमें अभिभावकों की भूमिका भी अहम है।
टीनएजर्स अकाउंट: प्राइवेट और सुरक्षित सेटिंग्स
इंस्टाग्राम ने किशोर उपयोगकर्ताओं के लिए प्राइवेसी को प्राथमिकता दी है। अब 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के खाते स्वचालित रूप से निजी रहेंगे, और इनकी सेटिंग्स में बदलाव करने के लिए माता-पिता की अनुमति अनिवार्य होगी, खासकर उन बच्चों के लिए जो 16 वर्ष से कम आयु के हैं। इस प्राइवेट अकाउंट में किशोर केवल उन्हीं लोगों से मैसेज प्राप्त कर सकेंगे, जिन्हें वे पहले से फॉलो कर रहे हैं या जिनसे वे जुड़े हुए हैं। इसका मतलब है कि बाहरी लोग उनके अकाउंट को अनचाहे रूप में संपर्क नहीं कर पाएंगे, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
कंटेंट और मैसेजिंग पर पाबंदियां
इंस्टाग्राम ने कंटेंट और मैसेजिंग पर भी सख्त पाबंदियां लगाई हैं। किशोरों के अकाउंट में आपत्तिजनक शब्दों को ब्लॉक करने के लिए सेटिंग्स की जा सकेंगी। इसके तहत ‘कमेंट्स’ और ‘मैसेजेस’ में किसी भी अभद्र या अनुपयुक्त भाषा का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही किशोरों को सिर्फ उन लोगों से मैसेज मिल सकेंगे, जिन्हें वे पहले से जानते हैं, जो उन्हें अवांछित संदेशों से बचाएगा।
यह कदम किशोरों को साइबर बुलिंग और अवांछित मैसेजिंग से बचाने के लिए उठाया गया है, जोकि सोशल मीडिया पर एक बड़ी चिंता का विषय है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किशोर अपने ऑनलाइन अनुभव को सुरक्षित रूप से अनुभव कर सकें, इंस्टाग्राम ने कंटेंट मॉडरेशन के इन नए टूल्स को शामिल किया है।
रात में नोटिफिकेशन पर रोक
मेटा ने किशोरों के लिए रात में नोटिफिकेशन से राहत देने के लिए एक और महत्वपूर्ण फीचर जोड़ा है। अब रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक किशोरों के अकाउंट पर कोई नोटिफिकेशन नहीं आएगा, जिससे उन्हें रात के समय में डिजिटल ब्रेक मिल सके। यह फीचर किशोरों को सोशल मीडिया पर बहुत अधिक समय बिताने से रोकने के लिए है और उन्हें अच्छी नींद लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इसके साथ ही, जब भी किशोर इंस्टाग्राम पर 60 मिनट तक सक्रिय रहते हैं, तो उन्हें एक रिमाइंडर मिलेगा कि उन्हें मंच से ब्रेक लेना चाहिए। हालांकि, इस फीचर को लेकर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह रिमाइंडर पर्याप्त प्रभावी नहीं हो सकता, क्योंकि किशोर बस एक क्लिक में इस रिमाइंडर को नजरअंदाज कर सकते हैं। फिर भी, यह फीचर किशोरों के डिजिटल डिटॉक्स के लिए एक सकारात्मक प्रयास माना जा सकता है।
माता-पिता की भूमिका
मेटा ने इन नई सेटिंग्स के साथ अभिभावकों की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बनाया है। अब 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अकाउंट की डिफॉल्ट सेटिंग्स को बदलने के लिए माता-पिता की अनुमति आवश्यक होगी। इससे अभिभावकों को अपने बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने का मौका मिलेगा और वे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेंगे।
किशोरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस कदम का स्वागत किया जा रहा है, क्योंकि यह अभिभावकों को उनके बच्चों के सोशल मीडिया पर समय बिताने और उनकी प्राइवेसी सेटिंग्स पर नियंत्रण रखने का मौका देगा।
इंस्टाग्राम द्वारा पेश किए गए “टीनएजर्स अकाउंट” फीचर्स किशोरों के ऑनलाइन अनुभव को सुरक्षित और नियंत्रित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन फीचर्स में प्राइवेट अकाउंट्स, कंटेंट मॉडरेशन, नोटिफिकेशन पर रोक और अभिभावकों की भूमिका को शामिल करना किशोरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का प्रयास है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर बढ़ते जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, यह कदम निश्चित रूप से किशोरों और उनके अभिभावकों के लिए मददगार साबित होगा।