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जयपुर में कट-यूटर्न पर रंबल स्ट्रिप्स लगाने के निर्देश

जयपुर में कट-यूटर्न पर रंबल स्ट्रिप्स लगाने के निर्देश

मनीषा शर्मा। जयपुर कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी ने सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए शहर और उसके आस-पास की सड़कों पर कई अहम बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। एलपीजी टैंकर ब्लास्ट जैसी दुर्घटनाओं के बाद यह कदम उठाए गए हैं। कलेक्टर ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI), पीडब्ल्यूडी, जेडीए, और नगर निगम समेत अन्य संबंधित एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शहर की सड़कों और हाईवे पर कट और यूटर्न के पास रंबल स्ट्रिप्स, कैट्स आई, और नियोन साइनेज लगाए जाएं।

कट-यूटर्न पर रंबल स्ट्रिप्स क्यों जरूरी?

स्पीड नियंत्रण का प्रभाव:

कलेक्टर ने कहा कि सड़कों पर कट या यूटर्न के पास वाहन चालक तेज गति से गुजरने का प्रयास करते हैं।

  • यह समस्या अंधेरे और कोहरे के दौरान और भी गंभीर हो जाती है।
  • दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, रंबल स्ट्रिप्स से 150-200 मीटर पहले कैट्स आई और नियोन साइनेज लगाने की सिफारिश की गई है।
  • इन उपायों से वाहन चालकों को चेतावनी मिलेगी और उनकी गाड़ी की गति नियंत्रित होगी।

रंबल स्ट्रिप्स के फायदे:

  1. सड़क पर ध्यान केंद्रित: रंबल स्ट्रिप्स वाहन चालकों को सतर्क बनाते हैं।

  2. दुर्घटनाओं में कमी: यूटर्न और कट पर गति नियंत्रण से टक्कर की संभावना कम होती है।

  3. अंधेरे में सुरक्षा: कैट्स आई और नियोन साइनेज से रात में दृश्यता बेहतर होती है।

सड़क संरचना में सुधार के निर्देश

क्लोवर लीफ और अंडरपास निर्माण:

  • कलेक्टर ने सुझाव दिया कि सभी स्टेट और नेशनल हाईवे पर कट की स्थिति का तकनीकी सर्वे किया जाए।
  • विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर क्लोवर लीफ, अंडरपास, और फ्लाइओवर जैसी संरचनाएं बनाई जाएं।
  • इनसे यातायात का प्रवाह सुगम होगा और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

तकनीकी टीम से सर्वे:

कलेक्टर ने रोड सेफ्टी तकनीकी टीम को निर्देश दिया है कि हाईवे पर कट्स की जांच करके रिपोर्ट तैयार की जाए।

  • इस रिपोर्ट के आधार पर निर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

  • सक्षम अधिकारियों से मंजूरी लेकर तुरंत निर्माण कार्य शुरू किया जाए।

हाईवे पर एम्बुलेंस की व्यवस्था

आपातकालीन चिकित्सा सेवा:

कलेक्टर ने सड़क दुर्घटनाओं के बाद घायल व्यक्तियों को त्वरित चिकित्सा सहायता देने पर जोर दिया।

  • उन्होंने हर निश्चित दूरी पर एम्बुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए।
  • इसके लिए एक इमरजेंसी मेडिकल प्लान तैयार किया जाएगा।

तेजी से सहायता:

  • दुर्घटना के तुरंत बाद घायल को अस्पताल तक ले जाने के लिए यह सेवा प्रभावी होगी।

  • इससे सड़क पर मौतों की संख्या में कमी आ सकेगी।

दुर्घटनाओं के मुख्य कारण: तेज गति और लापरवाही

एलपीजी टैंकर ब्लास्ट के बाद जयपुर कलेक्टर ने तेज गति और लापरवाही को दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण माना है।

  • सड़क पर ट्रैफिक लाइट्स का सही तरीके से काम न करना।

  • स्पीड कंट्रोल के लिए कोई विशेष उपायों का न होना।

  • इन मुद्दों के समाधान के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

भविष्य की योजनाएं: सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता

शहर और ग्रामीण इलाकों में बदलाव:

कलेक्टर ने निर्देश दिया कि जयपुर, जयपुर ग्रामीण, और दूदू जिलों की सभी मुख्य सड़कों और हाईवे पर ये उपाय लागू किए जाएं।

  • शहर की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए साइनेज और रंबल स्ट्रिप्स की स्थापना होगी।
  • ग्रामीण सड़कों पर भी इन उपायों का पालन किया जाएगा।

दुर्घटनाओं को रोकने का रोडमैप:

  • सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा।

  • दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाने के लिए हर संभव उपाय किए जाएंगे।

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