शोभना शर्मा। जयपुर में आयोजित राइजिंग राजस्थान समिट 2024 के समापन सत्र ने प्रदेश में उद्योग और निवेश की नई संभावनाओं को जन्म दिया। इस समिट में सरकार ने कई अहम घोषणाएं कीं, जिनमें लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) के लिए सस्ती जमीन और पॉलिसी सुधार जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस समिट में 35 लाख करोड़ के निवेश समझौतों (MOU) को धरातल पर उतारने का वादा किया।
लघु उद्योगों को मिलेगी सस्ती जमीन
समिट के दौरान मुख्यमंत्री ने लघु उद्योगों के लिए बड़ी राहत की घोषणा करते हुए कहा कि अब 1 एकड़ जमीन के लैंड कन्वर्जन में विशेष छूट दी जाएगी। यह कदम छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार हर जिले में एक कमेटी बनाएगी, जिसमें लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे, ताकि लघु उद्योगों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।
उद्योग मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने इस अवसर पर MSME पॉलिसी 2024, वन जिला वन उत्पाद पॉलिसी, इंटीग्रेटेड क्लस्टर डेवलपमेंट पॉलिसी और राजस्थान इन्वेस्ट प्रमोशन पॉलिसी का ऐलान किया। ये नीतियां राज्य में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक नई दिशा प्रदान करेंगी।
सीएम का वादा: MOU का होगा हिसाब
मुख्यमंत्री ने इस समिट में 35 लाख करोड़ के MOU पर हस्ताक्षर किए और वादा किया कि इन समझौतों को धरातल पर उतारने के लिए पूरी ताकत झोंकी जाएगी। उन्होंने कहा, “एक साल बाद, 11 दिसंबर 2024 को, हम जनता को यह बताएंगे कि इन समझौतों में से कितने धरातल पर उतरे। इसके बाद, 2026 में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट आयोजित की जाएगी, जहां दो वर्षों के काम का लेखा-जोखा दिया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी तंज कसते हुए कहा कि जब इन योजनाओं का लाभ दिखेगा, तब विपक्ष को भी गर्व होगा।
धर्मेंद्र प्रधान का राजस्थान पर विश्वास
समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान अब बीमारू राज्य नहीं, बल्कि राइजिंग राजस्थान बन गया है। उन्होंने कहा, “राजस्थान की ऊर्जा क्षेत्र में अहम भूमिका है। सोलर एनर्जी से हाइड्रोजन एनर्जी बनाने का जो नया विजन प्रस्तुत किया गया है, वह प्रदेश को ऊर्जा उत्पादन का लीडर बनाएगा।”
उन्होंने पचपदरा रिफाइनरी विवाद को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासों से यह परियोजना आज संभव हो पाई है।
लघु उद्योगों की महत्ता पर घनश्याम ओझा का बयान
लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने MSME पॉलिसी की तारीफ की, लेकिन साथ ही कहा कि पॉलिसी में ‘इफ-नो-बट’ जैसे अड़चनों को हटाने की जरूरत है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि नीतियों को सरल और उद्योगों के अनुकूल बनाया जाए।
राजस्थान की वैश्विक पहचान और संभावनाएं
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राजस्थान के लोग दुनियाभर में व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर राजस्थान के बाहर मौजूद संपदा का 1 प्रतिशत भी राज्य में लौट आया, तो राजस्थान संपन्न राज्य बन जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी में एडवांस लैब स्थापित की जाएगी, जहां 5 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
ऊर्जा क्षेत्र में राजस्थान की भूमिका
राजस्थान ऊर्जा क्षेत्र में देश का नेतृत्व कर रहा है। सोलर एनर्जी और हाइड्रोजन एनर्जी के नए प्रयोगों से यह राज्य आने वाले समय में भारत का ऊर्जा हब बन सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान को इस क्षेत्र में लीडरशिप करते देखना गर्व की बात होगी।
गांव और लघु उद्योगों की पुनर्स्थापना
मुख्यमंत्री ने समिट के दौरान कहा कि आजादी के बाद से देश में सरकारों ने बड़े उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन गांव और लघु उद्योगों को नजरअंदाज किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि छोटे उद्योग समाप्त हो गए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गांव और लघु उद्योगों को फिर से खड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नई नीतियां और निवेश की दिशा
उद्योग मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि सरकार ने MSME और अन्य उद्योगों के लिए कई नई नीतियां लॉन्च की हैं, जिनका उद्देश्य राज्य में निवेश बढ़ाना और रोजगार सृजन करना है। इन नीतियों में वन जिला वन उत्पाद पॉलिसी और इंटीग्रेटेड क्लस्टर डेवलपमेंट पॉलिसी प्रमुख हैं।
राइजिंग राजस्थान समिट: एक नई शुरुआत
राइजिंग राजस्थान समिट ने प्रदेश में उद्योगों और निवेश के लिए नई संभावनाओं को जन्म दिया है। लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा की गई घोषणाएं न केवल प्रदेश के आर्थिक विकास में योगदान देंगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोलेंगी।