शोभना शर्मा। दुबई में 2025 में ‘ग्लोबल स्पिरिचुअल फेस्टिवल’ का आयोजन होने जा रहा है। यह भव्य आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिकता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने के लिए समर्पित होगा। इस कार्यक्रम के लिए भारत के राजस्थान राज्य से दो प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है।
भारतीय संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने का उद्देश्य
‘ग्लोबल स्पिरिचुअल फेस्टिवल 2025’ का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को दुनियाभर में पहचान दिलाना है। इस फेस्टिवल के माध्यम से न केवल भारतीय मूल्यों और परंपराओं को बढ़ावा दिया जाएगा, बल्कि आध्यात्मिकता के जरिये लोगों को जोड़ने का प्रयास भी होगा।
गोवा के प्रतिष्ठित पद्मनाभ पीठाधीश्वर सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य ने इस आयोजन की परिकल्पना की है। उन्होंने बताया कि यह फेस्टिवल भारत की समृद्ध आध्यात्मिक धरोहर को दुनियाभर में पहुंचाने का एक प्रयास है।
राजस्थान के दो केंद्रीय मंत्रियों को न्यौता
इस फेस्टिवल में केंद्रीय संस्कृति और संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है।
- अर्जुन राम मेघवाल: राजस्थान से सांसद और भारतीय संस्कृति के संवर्धन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले नेता।
- गजेंद्र सिंह शेखावत: राजस्थान के प्रभावशाली नेता और जल संरक्षण के क्षेत्र में बड़े योगदान के लिए जाने जाते हैं।
दोनों मंत्रियों ने सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य का न्यौता स्वीकार कर इस प्रयास की सराहना की है। उनका कहना है कि यह आयोजन भारत के समृद्ध इतिहास, परंपराओं और आध्यात्मिकता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का एक उत्कृष्ट अवसर है।
भारतीय समुदाय में उत्साह
दुबई में भारतीय समुदाय ‘ग्लोबल स्पिरिचुअल फेस्टिवल 2025’ को लेकर बेहद उत्साहित है। इस आयोजन में दुनियाभर से भारतीय और अन्य देशों के आध्यात्मिक गुरुओं, विशेषज्ञों और कला-संस्कृति के प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है।
कार्यक्रम में भारत की प्राचीन परंपराओं जैसे योग, ध्यान, आयुर्वेद, और वेदांत पर आधारित विभिन्न सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा भारतीय संगीत, नृत्य और कला प्रदर्शन भी फेस्टिवल का हिस्सा होंगे।
फेस्टिवल का वैश्विक महत्व
दुबई में आयोजित होने वाला यह फेस्टिवल भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा। इसके माध्यम से:
भारतीय मूल्यों का प्रचार: योग, ध्यान, और आध्यात्मिकता जैसी प्राचीन भारतीय विधाओं को दुनियाभर में बढ़ावा मिलेगा।
सांस्कृतिक संगम: विभिन्न देशों के लोग भारतीय परंपराओं और संस्कृति को करीब से समझ सकेंगे।
वैश्विक शांति का संदेश: फेस्टिवल के जरिए विश्व शांति और सामंजस्य का संदेश दिया जाएगा।
भारतीय संस्कृति का गौरव
यह फेस्टिवल न केवल भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रचार करेगा, बल्कि भारतीय मूल्यों और ज्ञान को भी वैश्विक स्तर पर स्थापित करेगा। केंद्रीय मंत्रियों की भागीदारी राजस्थान के लिए गर्व का विषय है।
सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य ने उम्मीद जताई है कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति के महत्व को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।