मनीषा शर्मा। राजस्थान में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस परियोजना पर केंद्र सरकार और प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखे सवाल उठाए हैं। गहलोत ने यह भी कहा कि परियोजना को लेकर आरटीआई (RTI) से मांगी गई जानकारी को “राष्ट्रीय सुरक्षा” का हवाला देकर खारिज करना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
ERCP और PKC योजना क्या है?
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को मध्य प्रदेश की पार्वती कालीसिंध चंबल (PKC) योजना के साथ जोड़ा गया है। इस संयुक्त परियोजना के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच समझौता हुआ, जिसमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की मौजूदगी में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए। हालांकि, इस समझौते का ब्योरा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
पिछले साल दिसंबर 2024 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर में इस परियोजना का उद्घाटन किया था। उद्घाटन समारोह के दौरान प्रतीकात्मक तौर पर दो मटकों के जरिए ERCP और PKC को जोड़ा गया। लेकिन गहलोत ने अब इस पर सवाल उठाते हुए पूछा, “क्या खाली ही है ERCP का मटका?”
RTI से जानकारी न मिलने पर गहलोत ने कसा तंज
गहलोत ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जब इस परियोजना की जानकारी आरटीआई के जरिए मांगी गई, तो सरकार ने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा” का मामला बताते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने पूछा कि यह जल परियोजना राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में कैसे डाल सकती है। गहलोत ने आरोप लगाया कि सरकार इस समझौते को जनता से छिपा रही है।
गहलोत ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने इस परियोजना में राजस्थान के हितों की अनदेखी की है। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार की ऐसी गतिविधियां साफ दिखाती हैं कि PKC-ERCP समझौते को छिपाने की कोशिश हो रही है। यदि इसमें कोई धांधली नहीं हुई, तो सरकार को समझौते की जानकारी सार्वजनिक करने से क्यों डर लग रहा है?”
पानी की राजनीति पर सवाल
गहलोत ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि पानी को लेकर हुए किसी समझौते की जानकारी जनता से छिपाई जा रही है। उन्होंने पूछा कि अगर समझौते की जानकारी छिपानी थी, तो प्रधानमंत्री से इसका उद्घाटन करवाकर जनता को भ्रमित क्यों किया गया? उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परियोजना जनता के पैसे से बनाई जा रही है और लोगों को यह जानने का अधिकार है कि उनका पैसा कहां और कैसे खर्च किया जा रहा है।
डोटासरा ने भी साधा निशाना
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इस मामले पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “सरकार PKC-ERCP परियोजना की जानकारी देने से क्यों कतरा रही है? इस समझौते में राज्य की हिस्सेदारी, परियोजना की लागत और क्रियान्वयन की समयसीमा जनता को क्यों नहीं बताई जा रही?”
डोटासरा ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने इस समझौते में मध्य प्रदेश के सामने झुकते हुए राजस्थान के जल हितों के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने इसे लोकसभा चुनाव के लिए बनाई गई एक राजनीतिक चाल करार दिया।
जनता के अधिकारों की अनदेखी
गहलोत और डोटासरा ने यह भी कहा कि जल परियोजनाएं किसी भी राज्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होती हैं। राजस्थान जैसे राज्य में, जहां जल संकट एक बड़ा मुद्दा है, वहां इस तरह की परियोजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
भाजपा सरकार को जवाब देना होगा
गहलोत और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार को इस परियोजना से जुड़ी सभी जानकारियां सार्वजनिक करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार जनता के हित में काम कर रही है, तो उसे किसी भी जानकारी को छिपाने की जरूरत नहीं है।