मनीषा शर्मा। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस देश में किसानों को बांटने का प्रयास करने वाले नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे। पुष्कर में 105वें राष्ट्रीय जाट अधिवेशन में उन्होंने किसानों को एकजुट रहने का संदेश देते हुए जोर दिया कि जाट समाज और किसान वर्ग एक दूसरे के अभिन्न अंग हैं। कुछ लोग किसानों को जाति के आधार पर विभाजित करने की साजिश कर रहे हैं, ताकि समाज में असामंजस्य फैला सकें, लेकिन ये साजिशें सफल नहीं होंगी।
धनखड़ ने कहा कि कुछ लोग यह कह रहे हैं कि 35 बनाम एक का समीकरण बना देंगे, जो कि एक दुर्भाग्यपूर्ण और विभाजनकारी सोच है। उप राष्ट्रपति ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि किसान समुदाय को विभाजित करने का सपना देखने वाले असफल रहेंगे।
किसानों के लिए धनखड़ का समर्थन और सलाह
धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा, “किसानों के लिए मेरे दरवाजे 24 घंटे खुले हैं।” उन्होंने किसानों को संदेश दिया कि उन्हें किसी भी तरह की समस्या आने पर उनसे संपर्क करने में संकोच नहीं करना चाहिए। उनके अनुसार, किसानों की समस्याओं का समाधान तत्काल होना चाहिए, क्योंकि वे अन्नदाता हैं और उनके बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती।
धनखड़ ने किसानों को अपने बच्चों को व्यापार में आगे बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जो भी चीज़ किसान पैदा करता है, उसका व्यापार भी किसान खुद करे, जिससे वह आर्थिक रूप से सशक्त हो सके। व्यापार के क्षेत्र में किसानों के लिए अवसरों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें किसानों के लिए बहुत समृद्धि है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
महिला शिक्षा और आरक्षण का ज़िक्र
धनखड़ ने महिलाओं की शिक्षा और आरक्षण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उनकी मां, दादी, और नानी अनपढ़ थीं, लेकिन फिर भी उन्हें दुनिया के सबसे बड़े विद्वानों के बराबर ज्ञान था। धनखड़ ने कहा कि महिलाएं जन्म से ही ज्ञान की धनी होती हैं। उन्होंने महिलाओं को आरक्षण का लाभ उठाने और समाज में अपनी भूमिका को सशक्त बनाने की सलाह दी।
समाज को बांटने के प्रयासों पर धनखड़ का कड़ा रुख
धनखड़ ने समाज में अलगाव पैदा करने वाली विचारधारा पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कुछ लोग किसानों को जातियों में विभाजित करने की साजिश रच रहे हैं, लेकिन वह खुद किसान वर्ग के एक मजबूत पक्षधर हैं और किसी भी विभाजनकारी कोशिश का विरोध करेंगे। जाट समाज को किसानों की आत्मा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे खंडित करने की कोई कोशिश सफल नहीं होगी।
धनखड़ ने कहा, “हमारी आत्मा और हमारी एकता को कोई भी तोड़ नहीं सकता।” उनका कहना था कि किसान वर्ग का अस्तित्व और उनकी एकता देश के लिए आवश्यक है और इसे किसी भी तरह से खंडित नहीं किया जा सकता।
बड़े-बड़े वादे और असंभव बातें करने वालों को सलाह
धनखड़ ने अपने भाषण में उन लोगों को भी सलाह दी जो बिना सोच-समझ के बड़े-बड़े वादे करते हैं। उन्होंने कहा कि जुबान सोच-समझकर चलानी चाहिए और ऐसे बड़बोले लोग समाज को भ्रमित करने की कोशिश करते हैं।
धनखड़ ने कहा, “समाज में महापुरुषों का एक ऊंचा स्थान है, जिनकी तुलना में अन्य की लंबी-लंबी बातें अर्थहीन हैं।” उन्होंने लोगों को चेतावनी दी कि समाज को बांटने वाले ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए।
उप राष्ट्रपति के दौरे की अहम बातें
उप राष्ट्रपति धनखड़ का यह भाषण राष्ट्रीय जाट अधिवेशन में किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया। उन्होंने अपने भाषण में समाज में एकता, किसान वर्ग की शक्ति, और जातिवाद के खतरों पर बात की। साथ ही, उन्होंने जाट समाज को एक आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त समाज बनाने की दिशा में कदम उठाने की सलाह दी।
धनखड़ के अनुसार, “किसान वर्ग की ताकत और एकता को तोड़ने की कोशिशें विफल होंगी,” और इसके लिए समाज में सभी को एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए।