मनीषा शर्मा। राजस्थान की जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा 2018 में पेपर लीक होने के मामले में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने टीसीएस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर जगजीत सिंह समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि पेपर का सौदा 60 लाख रुपए में किया गया था। अब तक इस मामले में कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
कैसे हुआ पेपर लीक?
एसओजी के अनुसार, टीसीएस (Tata Consultancy Services) कंपनी को इस भर्ती परीक्षा को करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर तैनात जगजीत सिंह (37), पुत्र सरबजीत सिंह ने अपने इंजीनियर दोस्त देववत्त की मदद से पेपर लीक किया। एसओजी की जांच में सामने आया कि जगजीत ने अपने पुराने दोस्त करण कुमार (36), पुत्र अरुण कुमार से संपर्क किया। दोनों झारखंड के सिंघभूमी क्षेत्र के रहने वाले हैं। इसके बाद पेपर को 60 लाख रुपए में बेचा गया।
पेपर लीक की कड़ी में कैसे जुड़े आरोपी?
संदीप कादियान – यह आरोपी हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है। इसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था।
करण कुमार – यह झारखंड का रहने वाला है और देहरादून में रहकर इंजीनियरिंग कर रहा था। इसी ने संदीप कादियान को आंसर की उपलब्ध करवाई थी।
जगजीत सिंह – टीसीएस का प्रोजेक्ट मैनेजर, जिसने परीक्षा से पहले पेपर को लीक किया।
देववत्त – हरियाणा का निवासी, जिसने जगजीत और करण के बीच संपर्क करवाया।
नोएडा से पकड़ा गया मुख्य आरोपी
एसओजी ने 23 मार्च की रात को नोएडा में दबिश देकर मुख्य आरोपी जगजीत सिंह को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपने दोस्त देववत्त के जरिए पेपर का सौदा करने की बात कबूल की। एसओजी ने उसे 12 दिन की रिमांड पर लिया है।
देहरादून में आरोपी की गिरफ्तारी
इस मामले में देहरादून से करण कुमार को गिरफ्तार किया गया। करण ने ही संदीप कादियान को आंसर की उपलब्ध करवाई थी। एसओजी ने करण के मोबाइल और लैपटॉप को जब्त कर लिया है, जिससे महत्वपूर्ण सबूत मिलने की संभावना है।
पेपर डील कैंसिल क्यों हुई?
एसओजी जांच में सामने आया कि 27 अक्टूबर 2018 को परीक्षार्थियों को पेपर पढ़ाया गया। लेकिन जब अगले दिन यानी 28 अक्टूबर 2018 को यह पता चला कि पेपर लीक हो चुका है, तब डील कैंसिल कर दी गई।
कैसे हुआ पेपर लीक का खुलासा?
2018 में जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा ऑनलाइन मोड में आयोजित की गई थी। जब परीक्षार्थी आर्या कॉलेज, कूकस (जयपुर) से बाहर निकले, तो एसओजी ने उनके मोबाइल चेक किए। इसमें परीक्षा से पहले ही आंसर की सेव मिली। इसके बाद पुलिस थाना एसओजी ने अक्टूबर 2018 में केस दर्ज किया और जांच शुरू की गई।
अब तक 19 लोग गिरफ्तार
एसओजी के एडीजी वीके सिंह के अनुसार, इस मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें दलाल, जेल प्रहरी और अन्य आरोपी शामिल हैं।