जयपुर, 27 जुलाई। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान आज पूरे देश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शुमार है। यह बदलाव सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के नवाचारों और कार्यों के चलते संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप्स के साथ-साथ अब ग्रामीण और स्कूली छात्रों के स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा, जो प्रदेश की आर्थिक उन्नति में सहायक होगा।
मुख्य सचिव बुधवार को शासन सचिवालय में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की विभिन्न बजट घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहीं थीं। शर्मा ने कहा कि प्रदेश में स्कूली बच्चों के स्टार्टअप को 10 हजार से 1 लाख रूपये व ग्रामीण युवाओं के स्टार्टअप्स को आई स्टार्ट कार्यक्रम के तहत 5 लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग का यह नवाचार स्कूली बच्चों और ग्रामीण युवाओं को प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा अब तक लगभग 300 स्टार्टअप्स को लगभग साढ़े 15 करोड़ की सहायता राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष में भी विभिन्न तरह के 171 स्टार्टअप्स को 9.5 करोड़ रूपये की सहायता राशि दी गई है।
मुख्य सचिव ने कहा कि जयपुर के झालाना क्षेत्र में स्थित राज्य सरकार का डाटा सेंटर पूरे देश के सबसे बड़े डाटा सेंटर्स में से एक है। जयपुर के टेक्नो हब में संचालित डिजिटल म्यूजियम में आमजन को नवीन एवं रोचक जानकारियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा की प्रदेश के युवा डिजिटल म्यूजियम जरूर जाएं।
बैठक में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि राजधानी जयपुर की तरह अन्य छह संभागीय मुख्यालयों पर हब एंड स्पोक मॉडल पर आधारित इनक्यूबेशन सेंटर्स तैयार किए गए हैं, जिनका उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की जयंती पर 20 अगस्त को किया जाना प्रस्तावित है।
संभागीय मुख्यालयों के अतिरिक्त पाली और चूरू में इनक्यूबेशन सेंटर्स बनकर तैयार हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नो हब प्रदेश की तकनीकी उन्नति में सहायक सिद्ध होंगे और इनक्यूबेशन सेंटर्स के माध्यम से प्रदेश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा।