मनीषा शर्मा। दौसा से भाजपा प्रत्याशी कन्हैयालाल मीणा ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव में मंत्री किरोड़ीलाल मीणा की बात भी जनता ने नहीं मानी। महवा, जो किरोड़ीलाल का लोकल क्षेत्र है, वहां भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और भाजपा 45 हजार से अधिक वोटों से हारी। कन्हैयालाल का कहना है कि किरोड़ीलाल ने चुनाव में पूरा दमखम लगाया था।
मीणा ने बताया कि हमेशा भाजपा को एसटी के 50 प्रतिशत और एससी के 20 से 30 प्रतिशत वोट मिलते थे। गुर्जर समाज के लोगों ने विधानसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के कहने पर कांग्रेस को वोट दिया। माली समाज के लोगों ने भी कांग्रेस को वोट दिया, जिससे वे बड़े अंतर से चुनाव हार गए।
किरोड़ीलाल मीणा को उप मुख्यमंत्री नहीं बनाने का मुद्दा कांग्रेस ने उठाया। कन्हैयालाल ने कहा कि अगर किरोड़ीलाल मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री होते तो भी परिणाम अलग नहीं होते। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा भी लोगों के पास गए, लेकिन लोगों ने उनकी भी बात नहीं मानी। बैरवा समाज ने भी उनकी बात को नहीं माना।
कन्हैयालाल ने कहा कि किरोड़ीलाल मीणा को मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया और उन्हें अच्छा विभाग नहीं दिया गया। यह मुद्दा कांग्रेस नेताओं ने उठाया, और बाद में हमारे लोग भी इस पर बोलने लगे।
कन्हैयालाल ने बताया कि उन्होंने किरोड़ीलाल को इस्तीफा देने से मना किया था। उन्होंने कहा कि हम केवल दौसा सीट नहीं हारे हैं, राजस्थान में 11 सीटें हारे हैं। किरोड़ीलाल ने लोकसभा चुनाव के परिणाम से पहले कहा था कि अगर दौसा सीट बीजेपी हारती है तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। हालांकि, 21 जून को किरोड़ीलाल मीणा के प्री-बजट बैठक में वीसी के जरिए शामिल होने के बाद उनके इस्तीफे की अटकलों पर विराम लग गया।