शोभना शर्मा। कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल आरोपी मोहम्मद जावेद को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। न्यायमूर्ति पंकज भंडारी की खंडपीठ ने जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया। कोर्ट ने जमानत के लिए दी गई याचिका में NIA (राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी) द्वारा पेश किए गए सबूतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि NIA ने केवल कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स के आधार पर जावेद को गिरफ्तार किया था, लेकिन उसकी लोकेशन साबित नहीं कर पाई। इसके अलावा, आरोपी से किसी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री या हथियार भी बरामद नहीं हुए हैं। जावेद लंबे समय से जेल में है और ट्रायल में अभी वक्त लगेगा, इस आधार पर उसे जमानत दी गई है।
जावेद पर क्या थे आरोप
जावेद उन 11 आरोपियों में शामिल था जिन पर कन्हैयालाल की हत्या की योजना बनाने का आरोप था। NIA का कहना था कि जावेद ने मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। उसे हत्या की योजना बनाने और कन्हैयालाल की रेकी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन कोर्ट में जावेद के वकील ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि NIA द्वारा पेश किए गए सबूत मजबूत नहीं थे।
जावेद के वकील की दलील
जावेद के वकील सैयद सआदत अली ने कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि जावेद कभी भी कन्हैयालाल की दुकान पर नहीं गया था, न ही उसने किसी भी प्रकार की रेकी की थी। जावेद पर आरोप था कि उसने इंडियाना टी स्टॉल पर बैठकर कन्हैयालाल की हत्या की योजना बनाई थी। लेकिन टी स्टॉल के मालिक धर्मेंद्र साहू ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि जावेद उस दिन टी स्टॉल पर आया था। वकील ने यह भी कहा कि सीसीटीवी फुटेज में भी जावेद की उपस्थिति साबित नहीं होती।
NIA की दलील और कोर्ट की नाराजगी
NIA के वकील टीपी शर्मा ने अदालत में कहा कि जावेद और रियाज अत्तारी की कॉल डिटेल्स से यह साफ होता है कि वे दोनों एक-दूसरे के संपर्क में थे। उन्होंने यह भी बताया कि घटना से पहले जावेद और रियाज इंडियाना टी स्टॉल पर मिले थे। इस पर कोर्ट ने NIA द्वारा दिए गए बयान पर नाराजगी जताई और कहा कि सभी स्टेटमेंट अंग्रेजी में क्यों लिखे गए हैं, जबकि आरोपी ने अपनी भाषा में बयान दिए थे। कोर्ट ने इसे प्रक्रिया की खामी मानते हुए NIA को फटकार भी लगाई।
पहले भी मिली थी एक आरोपी को जमानत
मोहम्मद जावेद से पहले भी इस मामले में एक अन्य आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को 1 सितंबर 2023 को एनआईए कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। उस पर केवल आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया था। जमानत के दौरान कोर्ट ने कहा था कि आरोपी पर तलवार रखने का आरोप है, लेकिन यह तलवार धारदार थी या नहीं, इसका फैसला जमानत के स्तर पर नहीं किया जा सकता। आरोपी जुलाई 2022 से जेल में है और उसे जमानत का लाभ दिया गया।
कन्हैयालाल हत्याकांड का पूरा मामला
कन्हैयालाल हत्याकांड 28 जून 2022 को उदयपुर में हुआ था। मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने कन्हैयालाल की बेरहमी से गला काटकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। हत्या के पीछे धार्मिक विवाद और कट्टरपंथी विचारधारा मानी जा रही थी। NIA ने इस मामले में जांच की और 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इनमें मोहम्मद जावेद, मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला और मुस्लिम मोहम्मद भी शामिल थे।
NIA की विशेष अदालत ने 9 फरवरी 2023 को हत्या, आतंकी गतिविधियों और आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों पर संज्ञान लिया था। अब तक कई आरोपियों की जमानत हो चुकी है, लेकिन मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद अभी भी जेल में हैं।