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अजमेर में ‘वतन को जानो’ कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम

अजमेर में ‘वतन को जानो’ कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम

मनीषा शर्मा, अजमेर। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा ‘वतन को जानो’ कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन 16 अक्टूबर से अजमेर में किया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीर और राजस्थान के युवाओं के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को बढ़ावा देना है। कश्मीर के छह जिलों—श्रीनगर, बड़गाम, अनंतनाग, पुलवामा, कुपवाड़ा, और बारामूला से 132 कश्मीरी युवा इसमें भाग लेने आ रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत कश्मीरी प्रतिभागी राजस्थान की कला, संस्कृति और रहन-सहन से परिचित होंगे तथा अजमेर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण करेंगे।

कश्मीर से आएंगे प्रतिभागी

नेहरू युवा केन्द्र और गृह मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम के तहत 18 से 22 वर्ष की आयु के कुल 132 प्रतिभागियों में 120 युवा और दो टीम लीडर शामिल होंगे। जिला युवा अधिकारी जयेश मीना के अनुसार, इस आदान-प्रदान कार्यक्रम में प्रतिभागी अजमेर के किंग एडवर्ड मेमोरियल स्टेशन रोड पर रहेंगे, जहाँ उनके लिए भोजन और आवासीय व्यवस्था की गई है। इस दौरान प्रतिभागियों को राजस्थान की संस्कृति के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि खानपान, परंपराएँ, लोक कला और साहित्य को जानने का अवसर मिलेगा।

राजस्थान की संस्कृति से होंगे रूबरू

कार्यक्रम के दौरान राजस्थान की सांस्कृतिक विविधता और धरोहर से परिचित कराने के लिए विभिन्न सत्रों का आयोजन होगा। युवा अधिकारी जयेश मीना ने बताया कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में कश्मीरी युवा अपनी संस्कृति और अनुभव साझा करेंगे। साथ ही, उन्हें राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करने के लिए विभिन्न सत्रों का आयोजन भी किया जाएगा। इन सत्रों में उद्यमिता, कौशल विकास, करियर मार्गदर्शन और व्यक्तित्व विकास पर चर्चा होगी।

कार्यक्रम की रूपरेखा

प्रारंभिक सत्र में कश्मीर से आए प्रतिभागियों की अपेक्षाओं को लेकर संवाद होगा। इसके लिए सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के सहायक प्राचार्य अनूप कुमार अत्रौ विशेष रूप से कश्मीरी युवाओं से संवाद करेंगे। इसी सत्र में नेहरू युवा केन्द्र के राज्य निदेशक कृष्ण लाल, पश्चिमी क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. भुवनेश जैन और दयानंद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. लक्ष्मीकांत शर्मा जैसे प्रमुख अतिथि भी अपने विचार साझा करेंगे। इसके अतिरिक्त, केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री भागीरथ चौधरी और अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल भी युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मनोरंजन सत्र

कश्मीरी युवाओं को राजस्थान की संस्कृति से परिचित कराने के लिए कालबेलिया नृत्य, राजस्थानी काव्य और गीतों का आयोजन होगा। इसके अलावा, कश्मीर के प्रतिभागी अपने-अपने क्षेत्र की संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे जिसमें कुपवाड़ा, बड़गाम, बारामूला, श्रीनगर और अनंतनाग के लोक नृत्य शामिल हैं। इसी दौरान राजस्थानी घूमर नृत्य की भी प्रस्तुति होगी।

अजमेर के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण

कश्मीरी युवाओं को अजमेर के प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण कराने का विशेष कार्यक्रम रखा गया है। 19 अक्टूबर को प्रतिभागियों को दरगाह शरीफ, अढ़ाई दिन का झोंपड़ा, राजकीय संग्रहालय, गांधी भवन लाइब्रेरी, और केन्द्रीय बालिका विद्यालय का भ्रमण कराया जाएगा। इसी क्रम में अजमेर के इतिहास पर आधारित लेजर शो भी दिखाया जाएगा। 20 अक्टूबर को कश्मीर से आए युवाओं को अजमेर के सेवन वंडर पार्क, पृथ्वीराज स्मारक, सैंड आर्ट पार्क, पुष्कर बाजार, और आनासागर चौपाटी का भ्रमण कराया जाएगा। इस दौरान उन्हें राजस्थान के विविध सांस्कृतिक पहलुओं को समझने का अवसर मिलेगा।

उद्यमिता, कौशल विकास और करियर मार्गदर्शन

कार्यक्रम में उद्यमिता और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। 18 अक्टूबर को युवा सहायक प्राचार्य डॉ. भरत भूषण शर्मा द्वारा स्वतंत्रता संग्राम पर चर्चा की जाएगी और युवाओं को कश्मीर घाटी के मुद्दों पर जानकारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, मानवीय संसाधन प्रबंधक ध्वनि मिश्रा करियर मार्गदर्शन सत्र लेंगी, जिसमें युवाओं को आगे के करियर विकल्पों के बारे में बताया जाएगा। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी युवाओं से संवाद करेंगे।

तिलोनिया बेयरफुट कॉलेज में जीवंत प्रशिक्षण

इस कार्यक्रम के तहत 18 अक्टूबर को प्रतिभागियों को तिलोनिया के बेयरफुट कॉलेज में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें उन्हें सौर ऊर्जा, उद्यमिता, और कौशल विकास के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया जाएगा। इसके बाद, किशनगढ़ औद्योगिक क्षेत्र का भ्रमण भी किया जाएगा, जहाँ वे उद्योगों के संचालन और कार्यप्रणाली को समझ सकेंगे।

समापन सत्र

21 अक्टूबर को इस कार्यक्रम का समापन सत्र आयोजित किया जाएगा। इस दौरान केंद्रीय योजनाओं और फ्लैगशिप कार्यक्रमों पर चर्चा की जाएगी। क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पराग माण्डले इन योजनाओं के बारे में विस्तार से बताएंगे। समापन समारोह में सभी प्रतिभागी अपने अनुभव साझा करेंगे और इस कार्यक्रम से प्राप्त नई जानकारियों के आधार पर अपने भविष्य को आकार देने के लिए प्रेरित होंगे।

‘वतन को जानो’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कश्मीरी और राजस्थान के युवाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम से कश्मीरी युवा न केवल राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को समझेंगे, बल्कि राष्ट्र निर्माण के प्रति अपनी भूमिका को लेकर जागरूक भी होंगे। इस प्रकार, यह कार्यक्रम कश्मीर और राजस्थान के युवाओं के बीच संबंध मजबूत करने और एकता का संदेश देने में सहायक सिद्ध होगा।

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