शोभना शर्मा। राजस्थान के अलवर जिले के कठूमर पंचायत समिति में फर्जी पट्टा जारी करने के मामले में पंचायत समिति प्रधान संगम चौधरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। पंचायती राज विभाग ने सरपंच रहते हुए गैर-कानूनी तरीके से जमीन के पट्टे जारी करने के आरोप में उन्हें निलंबित कर दिया है। इस मामले का खुलासा करीब 8 साल बाद हुआ, जब दो गुटों के बीच राजनीतिक तकरार तेज हो गई।
8 साल पुराना मामला, अब हुआ खुलासा
यह मामला 2017-18 का बताया जा रहा है, जब तत्कालीन कठूमर विधायक बाबूलाल बैरवा ने अरुवा पंचायत में गैर-मुमकिन (गैर-आवंटनीय) जमीन पर पट्टे जारी करने की शिकायत की थी। इस शिकायत के आधार पर कलेक्टर के आदेश पर जिला परिषद के सीईओ ने इसकी जांच शुरू करवाई। जांच में यह सामने आया कि संगम चौधरी ने सरपंच रहते हुए पद का दुरुपयोग किया और अवैध रूप से पट्टे जारी किए। इस जांच के बाद पंचायती राज विभाग ने संगम चौधरी के निलंबन का आदेश जारी कर दिया। साथ ही, उन्हें कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है। पंचायती राज विभाग के उप शासन सचिव द्वितीय इंद्रजीत सिंह की ओर से जारी आदेश में संगम चौधरी को दोषी माना गया है।
जिला प्रशासन ने पहले ही लिया था एक्शन
8 जनवरी को पंचायती राज विभाग ने जिला परिषद अलवर के सीईओ को आदेश दिया था कि कठूमर पंचायत समिति में कोई भी स्वीकृति केवल शासन सचिव के अनुमोदन के बाद ही दी जाए। इससे यह साफ हो गया कि पंचायत समिति की किसी भी मंजूरी को लेकर सरकार पहले से सतर्क थी। हालांकि, हाल ही में इस आदेश को निरस्त कर दिया गया था, लेकिन संगम चौधरी के खिलाफ जांच जारी रही और अब निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया है।
भाजपा के दो गुटों की राजनीतिक तकरार में सामने आया मामला
कठूमर क्षेत्र में भाजपा के दो गुटों के बीच पहले से राजनीतिक टकराव चल रहा था। एक गुट का नेतृत्व विधायक रमेश खींची कर रहे हैं, जबकि दूसरा गुट संगम चौधरी का समर्थक माना जाता है। रमेश खींची पिछले चुनाव में भाजपा में शामिल हुए थे, जबकि संगम चौधरी को पहले से स्थानीय राजनीति में प्रभावी नेता माना जाता रहा है। इससे पहले रमेश खींची ने संगम चौधरी के ससुर सतीश को कृषि उपज मंडी का चेयरमैन बनवाया था, जब संगम चौधरी सरपंच थीं। बाद में, 2019 में संगम प्रधान बन गईं और धीरे-धीरे राजनीतिक समीकरण बदल गए। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के दौरान दोनों गुटों में गहरी दरार आ गई, जिससे दोनों पक्षों के बीच टकराव बढ़ गया। इसी दौरान फर्जी पट्टे जारी करने का मामला फिर से उभरकर सामने आया और पुरानी शिकायतों की जांच तेज हो गई।
पूर्व विधायक बाबूलाल बैरवा ने की थी शिकायत
पूर्व विधायक बाबूलाल बैरवा ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने फर्जी पट्टा जारी करने की शिकायत वर्षों पहले की थी। उन्होंने बताया कि लगातार जांच के बाद संगम चौधरी को दोषी पाया गया, जिसके बाद पंचायती राज विभाग ने उनके निलंबन का आदेश जारी किया। बैरवा ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे भी जांच जारी रहेगी, और यदि कोई अन्य दोषी पाया जाता है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
अब क्या होगा आगे?
अब जब संगम चौधरी निलंबित हो चुकी हैं, तो कठूमर पंचायत समिति में नए प्रशासनिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा, इस मामले से जुड़े अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में आ सकती है।