शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में इन दिनों सवाई माधोपुर के विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा ने पेयजल संकट के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की है। मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल और जलदाय मंत्री कन्हैया लाल मीणा को पत्र लिखकर अपने विधानसभा क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण इलाकों में गंभीर पेयजल संकट की स्थिति से अवगत कराया है। उन्होंने सवाई माधोपुर के लोगों के हालात की तुलना एक प्रसिद्ध कहावत “कब मरेगी सासू और कब आएंगे आंसू” से की है। मीणा का आरोप है कि पेयजल संकट ने जनता की जिंदगी मुश्किल बना दी है और इसे जल्द सुलझाने की आवश्यकता है।
कब मरेगी सासू और कब आएंगे आंसू
किरोड़ी लाल मीणा ने पत्र में लिखा है कि सवाई माधोपुर के शहरी इलाकों में गर्मी के मौसम के दौरान पानी की आपूर्ति केवल 20 मिनट तक सीमित है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी विकट है, जहां लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की स्थिति अब “कब मरेगी सासू और कब आएंगे आंसू” जैसी हो गई है, जहां लोग पानी की उपलब्धता का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन राहत नहीं मिलती। यह स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है और इसका समाधान सरकार द्वारा जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।
20 साल बाद भी नहीं मिली पानी की राहत
मीणा ने बताया कि 2004 में चंबल-नादौती-सवाई माधोपुर पेयजल योजना की शुरुआत की गई थी, जिसकी लागत उस समय 478.91 करोड़ रुपये थी। इस योजना के तहत सवाई माधोपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में पानी की आपूर्ति होनी थी। हालांकि, बार-बार स्रोत बदलने और परियोजना में देरी के कारण 20 साल बाद भी सवाई माधोपुर के लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। मीणा का कहना है कि यह स्थिति स्थानीय जनता के लिए बेहद चिंता का विषय है और सरकार को इसे प्राथमिकता से हल करना चाहिए।
जलदाय मंत्री और मुख्यमंत्री से बड़ी मांग
किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पत्र में सवाई माधोपुर के पेयजल संकट को दूर करने के लिए कई सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सवाई माधोपुर को ईसरदा-दौसा पेयजल योजना के तहत पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) से जोड़ा जाए। इस योजना के तहत इलाके में जलापूर्ति की समस्या का समाधान हो सकता है। इसके अलावा, उन्होंने रामेश्वर घाट से पेयजल आपूर्ति का विकल्प भी सुझाया है। मीणा ने सरकार से पेयजल संकट का जल्द समाधान निकालने का आग्रह किया है, ताकि जनता को राहत मिल सके और उनकी जल संबंधी समस्याओं का स्थायी समाधान हो सके।
सियासी हलचल और मीणा का आक्रोश
किरोड़ी लाल मीणा के इस पत्र और उनके द्वारा उठाए गए सवालों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच सवाई माधोपुर के पेयजल संकट पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। मीणा का तंज भरा बयान “कब मरेगी सासू और कब आएंगे आंसू” न केवल स्थानीय जल संकट की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि इसे लेकर राज्य सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े करता है।