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ईपीएफओ के तहत पेंशन के नियम: सब कुछ जानें

ईपीएफओ के तहत पेंशन के नियम:  सब कुछ जानें

शोभना शर्मा। ईपीएफओ (Employees’ Provident Fund Organisation) के तहत पेंशन प्राप्त करने के कई विकल्प हैं, जिसमें 58 साल की उम्र के बाद नियमित पेंशन और 50 साल की उम्र के बाद अर्ली पेंशन शामिल हैं। ईपीएफओ ने अर्ली पेंशन का प्रावधान किया है, जिससे पेंशन क्लेम की जा सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें और कटौती लागू होती हैं।

अर्ली पेंशन: 58 साल से पहले पेंशन प्राप्त करने का तरीका

ईपीएफओ के सदस्यों के लिए 58 साल की उम्र से पहले पेंशन प्राप्त करने का प्रावधान भी है। अगर कोई सदस्य 58 की उम्र से पहले पेंशन का लाभ उठाना चाहता है, तो वह 50 साल की उम्र के बाद अर्ली पेंशन का क्लेम कर सकता है। हालांकि, इस पेंशन में हर साल 4% की कटौती की जाती है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी को 58 साल की उम्र में 10,000 रुपये पेंशन मिलती है, तो 57 साल की उम्र पर यह 4% घटकर 9,600 रुपये हो जाएगी, और 56 साल की उम्र पर 8% घटकर 9,200 रुपये रह जाएगी।

58 साल के बाद रिटायरमेंट पेंशन

रिटायरमेंट पेंशन वह पेंशन है, जो 58 साल की उम्र के बाद ईपीएफओ द्वारा दी जाती है। पेंशन की राशि का निर्धारण आपके पेंशन फंड में कुल योगदान पर निर्भर करता है। आप चाहें तो 58 साल की उम्र के बाद 60 साल तक पेंशन के लिए क्लेम कर सकते हैं। इस स्थिति में, हर साल 4% की वृद्धि के साथ पेंशन की राशि बढ़ जाती है।

विकलांगता पेंशन

ईपीएफओ के सदस्यों के लिए सेवा के दौरान अस्थायी या स्थायी रूप से विकलांग होने पर भी पेंशन का प्रावधान है। इस पेंशन के लिए उम्र और 10 साल तक पेंशन फंड में योगदान की शर्त लागू नहीं होती। यहां तक कि अगर किसी सदस्य ने केवल दो साल भी ईपीएस में योगदान दिया है, तो वह विकलांगता पेंशन का हकदार होगा।

मृत्यु के बाद आश्रितों के लिए पेंशन

अगर किसी ईपीएफओ सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी और 25 साल से कम उम्र के दो बच्चे पेंशन के हकदार होते हैं। तीसरा बच्चा भी पेंशन का हकदार होता है, लेकिन उसकी पेंशन तब शुरू होगी जब पहले बच्चे की पेंशन 25 साल की उम्र में बंद हो जाएगी। अगर सदस्य की मृत्यु के साथ उसकी पत्नी की भी मृत्यु हो जाती है, तो 25 साल से कम उम्र के दो बच्चे अनाथ पेंशन के हकदार होंगे।

नॉमिनी पेंशन और अनाथ पेंशन

यदि ईपीएफओ सदस्य का कोई जीवनसाथी या बच्चा नहीं है, तो उसकी मृत्यु पर नॉमिनी को पेंशन मिलती है। यदि सदस्य ने अपने माता-पिता को नॉमिनी बनाया है, तो तय हिस्से के हिसाब से पेंशन की राशि दोनों को मिलेगी। यदि केवल एक नॉमिनी है, तो पूरी पेंशन की राशि उसी को मिलेगी।

फॉर्म 10D के माध्यम से पेंशन का क्लेम

ईपीएफओ के सदस्यों की मृत्यु के बाद उनके आश्रित पिता या मां को पेंशन का हकदार माना जाता है। इसके लिए, आश्रितों को फॉर्म 10D भरना होता है, जिसके माध्यम से वे पेंशन का क्लेम कर सकते हैं। इस पेंशन का लाभ उनके जीवनभर मिलता रहता है।

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