शोभना शर्मा। राजस्थान सरकार ने राशन डीलरों के कमीशन में 10 फीसदी की वृद्धि कर दी है। इस संबंध में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने विधानसभा में जानकारी दी। पहले राशन डीलरों को प्रति क्विंटल 137 रुपये का कमीशन दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 150.70 रुपये कर दिया गया है। यह वृद्धि बजट 2025-26 में लागू की गई है। राज्य सरकार का कहना है कि यह फैसला ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति के तहत किया गया है, जिससे राशन डीलरों को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और उचित मूल्य की दुकानों का संचालन बेहतर तरीके से हो सकेगा।
राजस्थान में राशन डीलरों की मांग और सरकार का रुख
विधानसभा में राशन डीलरों को कमीशन के बजाय मानदेय देने का मुद्दा भी उठा। भीलवाड़ा जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र से विधायक जब्बर सिंह सांखला ने सरकार से सवाल किया कि क्या राशन डीलरों को 30,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? इसके जवाब में खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल सरकार के पास नहीं है। इसका मतलब है कि सरकार फिलहाल राशन डीलरों को कमीशन के आधार पर भुगतान जारी रखेगी।
राजस्थान में उचित मूल्य की नई दुकानें खोलने की प्रक्रिया
राज्य सरकार लगातार उचित मूल्य की दुकानों के विस्तार की दिशा में भी कार्य कर रही है। विधानसभा में मंत्री गोदारा ने बताया कि आसींद विधानसभा क्षेत्र में सात नई उचित मूल्य की दुकानों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा, खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 500 राशन कार्ड या 2,000 यूनिट पर एक नई उचित मूल्य की दुकान खोलने का प्रावधान किया गया है। यह प्रक्रिया 7 अप्रैल 2010 और 26 दिसंबर 2019 के विभागीय निर्देशों के तहत संचालित होती है।
कमीशन के आधार पर भुगतान की प्रक्रिया
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया कि उचित मूल्य की दुकानों के डीलरों को आंवटित राशन की मात्रा के अनुसार कमीशन दिया जाता है। यानी जितनी मात्रा वे वितरित करेंगे, उसी के अनुसार उन्हें भुगतान किया जाएगा। राजस्थान सरकार की इस नीति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उचित मूल्य की दुकानें सुचारू रूप से कार्यरत रहें और राशन वितरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
राजस्थान सरकार की यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है?
राशन डीलरों को आर्थिक सहयोग – कमीशन बढ़ने से राशन डीलरों की आय में वृद्धि होगी, जिससे वे अधिक उत्साह के साथ काम कर सकेंगे।
खाद्य सुरक्षा में सुधार – उचित मूल्य की दुकानों को अधिक सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी।
नई दुकानें खुलने से सुविधाएं बढ़ेंगी – अधिक उचित मूल्य की दुकानें खुलने से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में राशन वितरण की सुविधा बढ़ेगी।
सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता – राशन वितरण की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुचारू बनाया जाएगा।