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कोटा हनी ट्रैप मामला – पुलिस ने आरोपियों का जुलूस निकाला

कोटा हनी ट्रैप मामला – पुलिस ने आरोपियों का जुलूस निकाला

मनीषा शर्मा।  राजस्थान के कोटा शहर में हनी ट्रैप गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस ने आरोपियों का जुलूस निकालकर इलाके में मौका तस्दीक करवाया। मुख्य आरोपी असलम शेर खान चिंटू और दानिश को 16 जनवरी को प्रोडक्शन वारंट पर जेल से लाया गया। इन अपराधियों पर आरोप है कि वे महिलाओं के जरिए लोगों को जाल में फंसाते और फिर कोर्ट व पुलिस का डर दिखाकर उनसे मोटी रकम ऐंठते थे।

मौका तस्दीक के लिए पुलिस का कदम

रेलवे कॉलोनी थाना प्रभारी रामस्वरूप मीणा ने बताया कि जुलूस का उद्देश्य आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए ठिकानों की तस्दीक करना था। डडवाड़ा चोपड़ा फॉर्म इलाके में गिरोह के सदस्यों ने वारदातों को अंजाम दिया था। पुलिस सुरक्षा के साथ आरोपियों को पैदल ले जाकर उनके पुराने ठिकानों की पुष्टि की गई।

महिलाओं की मदद से फंसाते थे जाल में

गिरोह की महिलाएं पहले प्रतिष्ठित और इज्जतदार लोगों को अपने जाल में फंसाती थीं। इसके बाद, गिरोह के सदस्य उन्हें पुलिस और कोर्ट का डर दिखाकर पैसे वसूलते थे। इस संगठित गिरोह का मुख्य सरगना दानिश हनिफी उर्फ नाई है, जो हनी ट्रैप की योजनाओं की स्क्रिप्ट तैयार करता था।

आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट

25 अक्टूबर 2024 को रेलवे कॉलोनी थाने में सदामुद्दीन नाम के व्यक्ति ने गिरोह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया गया था कि गिरोह में शामिल लोग गैरकानूनी धंधों में लिप्त हैं। जांच में सामने आया कि गिरोह ने कई प्रतिष्ठित लोगों को निशाना बनाया और उनसे लाखों रुपये की उगाही की।

गिरफ्तारी और पूछताछ

पुलिस ने दोनों हार्डकोर अपराधियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपियों से धोखाधड़ी और गबन की रकम बरामद करने की कोशिशें जारी हैं। पुलिस को उम्मीद है कि आरोपियों से गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी भी मिलेगी।

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई

मौका तस्दीक के दौरान पुलिस ने अपराधियों को पैदल घुमाया, ताकि जनता को उनकी गतिविधियों के बारे में पता चले और अपराधियों के ठिकानों की पुष्टि की जा सके। यह कदम स्थानीय प्रशासन द्वारा अपराध पर अंकुश लगाने और जनता को जागरूक करने के लिए उठाया गया।

गिरोह का संगठित नेटवर्क

जांच में यह भी पता चला है कि गिरोह का नेटवर्क शहर के कई इलाकों में फैला हुआ था। गिरोह के सदस्य पहले किराए के मकान में रहते थे और वारदात को अंजाम देकर गायब हो जाते थे। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके ठिकानों की जांच कर रही है।

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